खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के साथ शांति वार्ता नहीं रूकी है : अधिकारी

खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के साथ शांति वार्ता नहीं रूकी है : अधिकारी

खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के साथ शांति वार्ता नहीं रूकी है : अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: September 16, 2022 5:12 pm IST

पेशावर, 16 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बावजूद प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ सरकार की शांति वार्ता नहीं रुकी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सूचना और जनसंपर्क के लिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि टीटीपी के सदस्यों ने संघर्ष विराम अवधि के दौरान आतंकी गतिविधियां शुरू की, जिसके कारण प्रांतीय सरकार ने प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ कार्रवाई की गई।

पाकिस्तान सरकार और टीटीपी करीब दो दशकों से जारी आतंकवाद को समाप्त करने के लिए बातचीत जारी रखते हुए जून में संघर्ष विराम का विस्तार करने पर सहमत हुए। आतंकी संगठन संघर्ष विराम के लिए राजी हो गया था, लेकिन उसने कहा था कि वह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के साथ पूर्ववर्ती संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्रों के विलय को खत्म करने की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा।

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सैफ ने कहा कि हाल के दिनों में प्रांत में फिरौती के लिए अपहरण की बढ़ती घटनाओं से संबंधित शिकायतों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियां काम कर रही हैं। खैबर पख्तूनख्वा गृह विभाग के अनुसार, पिछले तीन महीनों में प्रांत में 15 ग्रेनेड हमलों और निशाना बनाकर की गई हत्याओं सहित आतंकवाद की 113 घटनाएं हुई हैं।

अशांत प्रांत में पिछले तीन महीनों में आतंकवाद रोधी अभियानों में कुल 44 लोग मारे गए जबकि 67 आतंकवादियों का सफाया हुआ। प्रांत में हाल में जबरन वसूली की घटनाओं में भी वृद्धि देखी गई है। इस तरह के 39 मामले अब तक सामने आ चुके हैं।

टीटीपी की स्वात इकाई ने स्वात जिले में अमीर लोगों, स्थानीय नेताओं, सुरक्षा बलों और शांति समितियों के सदस्यों के खिलाफ और हमले शुरू करने की चेतावनी दी है।

इस बीच, जबरन वसूली के डर से स्वात के सैकड़ों प्रतिनिधि अपने परिवारों के साथ इस्लामाबाद और पेशावर चले गए हैं। मलकंद संभाग के स्वात, बुनेर और दीर जिलों के स्थानीय लोगों ने भी अपने जिलों में टीटीपी के फिर से उभार के मद्देनजर प्रदर्शन किया है।

माना जाता है कि टीटीपी का अलकायदा से जुड़ाव है। पूरे पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए टीटीपी को दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद के मैरियट होटल में बमबारी शामिल है।

भाषा आशीष माधव

माधव


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