पोप कनाडा पहुंचे, स्थानीय लोगों से मांग सकते हैं माफी |

पोप कनाडा पहुंचे, स्थानीय लोगों से मांग सकते हैं माफी

पोप कनाडा पहुंचे, स्थानीय लोगों से मांग सकते हैं माफी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : July 25, 2022/9:46 am IST

एडमंटन (कनाडा), 25 जुलाई (एपी) पोप फ्रांसिस ने आवासीय स्कूलों में मिशनरियों द्वारा दुर्व्यवहार के लिए स्थानीय लोगों से माफी मांगने के वास्ते रविवार को कनाडा की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की।

इसे मूलनिवासी समुदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उस दौर के सदमे से उबरने में मदद करने के प्रयासों में कैथोलिक चर्च के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

एडमंटन, अल्बर्टा, हवाई अड्डे पर उनका स्वागत स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और स्थानीय समूह ‘इनुक’ की सदस्य एवं देश की पहली जातीय गवर्नर जनरल मेरी साइमन ने किया। यहां पहुंचने पर फ्रांसिस ने एक आवासीय स्कूल के पीड़ित का हाथ चूमा।

फ्रांसिस ने यह संकेत दिया था कि यह एक ‘‘प्रायश्चित तीर्थयात्रा’’ है, जो मूल निवासियों के बच्चों की पीढ़ियों को जबरन मौजूदा पीढ़ी के साथ मिलाने में कैथोलिक मिशनरियों की भूमिका का प्रायश्चित करने के लिए है। एक ऐसी यात्रा जिस पर पूरे कनाडा में पीड़ितों और उनके परिवारों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं, जो लंबे समय से अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए पोप से माफी की मांग कर रहे थे।

फ्रांसिस का रविवार को कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं था, जिससे उन्हें सोमवार को अपनी बैठक से पहले आराम करने का समय मिल गया। यहां मास्कवासिस में एक पूर्व आवासीय स्कूल के पास पीड़ित लोगों के साथ कब्रिस्तान में उनके प्रार्थना करने और माफी मांगने की उम्मीद है।

फ्रांसिस से जब फ्रॉग लेक फर्स्ट नेशंस के आवासीय स्कूल की एक पीड़ित एल्डर अल्मा डेसजर्लिस को मिलवाया गया तो उन्होंने डेसजर्लिस का हाथ चूमा।

कॉन्फेडेरसी ऑफ ट्रीटी सिक्स फर्स्ट नेशंस के ग्रैंड चीफ जॉर्ज आर्केंड जूनियर ने पोप को बधाई दी और कहा, ‘‘अभी, हमारे बहुत से लोग संशय में हैं और वे आहत हैं।’’ हालांकि, उन्होंने आशा व्यक्त की कि पोप की माफी के साथ, ‘‘हम इस सदमे से उबरने की यात्रा शुरू कर सकते हैं .. और जिस तरह से चीजें हमलोगों के लिए बरसों से हैं, उन्हें बदल सकते हैं।’’

कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर हुआ था। लगभग 150,000 मूल निवासी समुदाय के बच्चों को उनके परिवारों से दूर ले जाया गया और उन्हें उनके घरों, मूल भाषाओं और संस्कृतियों के प्रभाव से अलग करने तथा उन्हें कनाडा के ईसाई समाज में रचने-बसने के लिए मजबूर किया गया।

एपी सुरभि प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)