गाजा के ईसाई समुदाय के लिए पिता समान थे पोप फ्रांसिस, हर शाम करते थे फोन

गाजा के ईसाई समुदाय के लिए पिता समान थे पोप फ्रांसिस, हर शाम करते थे फोन

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  • Publish Date - April 22, 2025 / 10:27 AM IST,
    Updated On - April 22, 2025 / 10:27 AM IST

दीर अल-बला (गाजा पट्टी), 22 अप्रैल (एपी) अपने जीवन के अंतिम 18 महीनों में पोप फ्रांसिस ने एक विशेष दिनचर्या बना ली थी, जिसके तहत वह शाम में गाजा पट्टी के एकमात्र कैथलिक चर्च में फोन करके वहां ठहरे लोगों का हालचाल जानते थे।

पोप के इस करुणामय व्यवहार ने गाजा के छोटे ईसाई समुदाय पर गहरा प्रभाव छोड़ा और यही वजह रही कि सोमवार को उनके निधन के बाद उन्हें वहां एक पिता-तुल्य शख्सियत के रूप में याद किया गया।

गाजा में 19 वर्षीय ईसाई सुहेल अबू दाऊद ने कहा, “मैं बहुत दुखी हूं। वह हमारे लिए ईश्वर के बाद सबसे बड़े सहायक थे।”

उन्होंने कहा, ‘‘पोप हमें हमेशा दिलासा देते थे और हिम्मत रखने को कहते थे। वह हमेशा हमारे लिए प्रार्थना करते थे।’’

अपने अंतिम सार्वजनिक संबोधन में पोप फ्रांसिस ने इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम की अपील की थी। धर्मों के बीच आपसी समझ और संवाद के प्रबल समर्थक पोप ने हमास से बंधकों को रिहा करने का आग्रह भी किया था। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया भर में बढ़ती यहूदी-विरोधी भावना की कड़ी निंदा की थी।

फ्रांसिस ने अपने अंतिम संबोधन में कहा था, ‘मैं युद्धरत पक्षों से अपील करता हूं युद्ध विराम का आह्वान करें, बंधकों को रिहा करें और भूख से मर रहे लोगों की मदद करें जो शांति के भविष्य की आकांक्षा रखते हैं!’

एपी योगेश वैभव

वैभव