पोप लियो-14 ने कोलंबिया के जोस ग्रेगोरियो हर्नांडेज को संत घोषित किया

पोप लियो-14 ने कोलंबिया के जोस ग्रेगोरियो हर्नांडेज को संत घोषित किया

पोप लियो-14 ने कोलंबिया के जोस ग्रेगोरियो हर्नांडेज को संत घोषित किया
Modified Date: October 19, 2025 / 04:36 pm IST
Published Date: October 19, 2025 4:36 pm IST

वेटिकन सिटी, 19 अक्टूबर (भाषा) कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप लियो-14वें ने रविवार को करीब 55,000 लोगों के समक्ष वेनेजुएला में ‘गरीबों के डॉक्टर’ के नाम से लोकप्रिय रहे जोस ग्रेगोरियो हर्नांडेज को संत की उपाधि देने की घोषणा की।

हर्नांडेज कैरेबियाई राष्ट्र के पहले संत हैं। गरीब लोगों के प्रति अपने समर्पण के लिए लाखों लोगों द्वारा पूजे जाने वाले हर्नांडेज़ को सेंट पीटर्स स्क्वायर में एक सामूहिक प्रार्थना सभा में वेनेजुएला के एक धार्मिक संगठन की संस्थापक मदर कारमेन रेंडिल्स मार्टिनेज के साथ संत घोषित किया गया।

इस घोषणा के बाद हजारों की संख्या में उत्साहित वेनेजुएलावासी चौक पर उमड़ पड़े और पुलिस अवरोधकों पर वेनेजुएला के झंडे लहराने लगे। पोप लियो द्वारा लातिन भाषा में संत घोषित किये जाने के बाद उन्होंने तालियों की गड़गड़राहट के साथ इसका अभिवादन किया। रोम नहीं जा पाने वाले हजारों अन्य लोग वेनेजुएला की राजधानी कराकस सहित विभिन्न इलाकों में स्थानीय समयानुसार तड़के से ही टेलीविजन पर वेटिकन से सामूहिक प्रार्थना का सीधा प्रसारण देख रहे थे।

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वेटिकन के अनुसार इस सामूहिक प्रार्थना में ही पापुआ न्यू गिनी के पीटर टू रोट को भी संत घोषित किया जो यह उपाधि प्राप्त करने वाले इस द्वीपीय देश के पहले व्यक्ति हैं। उनकी 1945 में जेल में हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने उस समय एकल विवाह का समर्थन किया था, जब बहुविवाह प्रथा प्रचलित थी।

पोप फ्रांसिस द्वारा पोप के रूप में अपने अंतिम कार्यों के तहत आयोजित समारोह में कुल सात लोगों को संत की उपाधि दी गई।

वास्तव में, फ्रांसिस ने 24 फरवरी को अपने अस्पताल के कमरे से ही हर्नांडेज़ की संत की उपाधि देने की मंजूरी दे दी थी। उन्होंने वेटिकन के विशिष्ट चमत्कार की पुष्टि प्रक्रिया को दरकिनार कर उन्हें ‘‘श्रद्धालुओं के बीच डॉक्टर-संत की व्यापक श्रद्धा’’ के आधार पर संत घोषित करने पर सहमति व्यक्त की थी।

हर्नांडेज़ वेनेजुएला के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं, उनका चेहरा कराकास के आसपास की सड़कों पर बनी कलाकृतियों में, अस्पतालों में चित्रों में तथा व्यक्तिगत घरों की वेदियों पर लगी तस्वीरों में अंकित है।

हर्नांडेज ने 1800 के दशक के अंत और 1900 के दशक के शुरुआती वर्षों में कराकास में एक डॉक्टर के रूप में कार्य किया था। उन्होंने अपनी सेवाओं के बदले गरीब लोगों से पैसे लेने से इनकार कर दिया और अक्सर उन्हें दवाइयों के लिए पैसे दे देते थे जिससे उन्हें ‘गरीबों का डॉक्टर’ उपनाम मिला। 1919 में एक गरीब बुज़ुर्ग महिला के लिए दवा लाने के लिए फार्मेसी से दवा लेने के तुरंत बाद सड़क पार करते समय उनकी हत्या कर दी गई थी।

हर्नांडेज मृत्यु के बाद वे एक धार्मिक प्रतीक बन गए, और जब पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1996 में वेनेजुएला का दौरा किया, तो उन्हें 50 लाख लोगों – लगभग हर चार वेनेजुएलावासियों में से एक – द्वारा हस्ताक्षरित एक याचिका प्राप्त हुई, जिसमें उन्होंने हर्नांडेज़ को संत घोषित करने की मांग की थी।

पोप लियो-14वें ने रविवार को जिन अन्य लोगों को संत घोषित किया उनमें आर्कबिशप इग्नाज़ियो चौकराल्लाह मालोयान को शामिल हैं जो एक अर्मेनियाई कैथोलिक थे और जिन्हें अपने धर्म का त्याग करने से इनकार करने पर मार दिया गया था। वेटिकन ने उन्हें अर्मेनियाई लोगों के ओटोमन युग के नरसंहार के रूप में वर्णित किया है।

वहीं,19वीं शताब्दी में एक धार्मिक संस्था की संस्थापक सिस्टर विन्सेन्ज़ा मारिया पोलोनी, इक्वाडोर में इतालवी मिशनरी की सिस्टर मारिया ट्रोनकाटी और बार्टोलो लोंगो को भी आम जनता में व्यापक श्रद्धा के लिए संत घोषित किया।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत


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