रोम, 25 अप्रैल (एपी) पोप फ्रांसिस ने ‘सेंट मैरी मेजर बेसिलिका’ में उन्हें दफनाये जाने की इच्छा जताई थी। बेसिलिका की देखरेख करने वाले आर्कबिशप ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पोप ने इस स्थान का चयन इसलिए किया था कि यह उनके ‘‘विनम्र और सरल’’ जीवन को दर्शाता है।
फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उन्हें शनिवार को बेसिलिका में दफनाया जाएगा।
हालांकि, मई 2022 में जब आर्कबिशप रोलांड्स मेकरिकास ने सुझाव दिया था कि वह सेंट मैरी मेजर को अपने अंतिम विश्राम स्थल के रूप में चुनें, तो फ्रांसिस ने शुरू में इस पर आपत्ति जताई थी।
मेकरिकास ने फ्रांसिस के बेसिलिका से लंबे समय से जुड़े होने और इसकी कलात्मक और आध्यात्मिक विरासत के कारण इस स्थल को चिह्नित किया था। सात अन्य पोप को भी यहीं दफनाया गया है, लेकिन 1669 के बाद से यहां किसी को दफनाया नहीं गया।
मेकरिकास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले तो उन्होंने मना कर दिया क्योंकि अक्सर पोप को सेंट पीटर्स में दफनाया जाता है। लेकिन एक हफ्ते बाद, उन्होंने मुझे (वेटिकन में अपने आवास) सेंट मार्टा में बुलाया और कहा ‘मेरी कब्र तैयार करो’।’’
मेकरिकास ने बताया कि पोप ने बाद में कहा था कि उनकी कब्र सादी ही रहेगी।
फ्रांसिस को उनकी मां के परिवार के इतालवी क्षेत्र लिगुरिया से लाये गए संगमरमर से बने एक साधारण शिलालेख के नीचे दफनाया जाएगा, जिस पर लैटिन में उनका नाम उत्कीर्ण किया गया है– ‘फ्रांसिस्कस’।
बेसिलिका का इतिहास पांचवीं शताब्दी तक का है।
मेकरिकास ने इसे ‘‘कला और आध्यात्मिकता का खजाना’’ बताया।
एपी सुभाष माधव
माधव