(नीलाभ श्रीवास्तव)
गाबोरोने (बोत्सवाना), 13 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को अंगोला और बोत्सवाना का अपना छह दिवसीय राजकीय दौरा समाप्त कर दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।
उन्होंने महत्वपूर्ण समझौतों और चर्चाओं के माध्यम से ऊर्जा, व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को गहरा करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोने में राष्ट्रपति डूमा गिदोन बोको ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के बाद विदा किया।
राष्ट्रपति मुर्मू की आठ से 13 नवंबर तक हुई यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा इन दोनों अफ्रीकी देशों का पहला दौरा था।
भारतीय विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने राष्ट्रपति के प्रस्थान-पूर्व एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘यह दौरा पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के साथ जुड़ाव को भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।’’
उन्होंने बताया कि बोत्सवाना में भारत ने आर्थिक, विकास और प्रौद्योगिकी में सहयोग मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।
दलेला ने कहा कि हीरा उत्पादन में बोत्सवाना को भारत क्षमता निर्माण सहयोग देगा।
उन्होंने बताया कि इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत में विलुप्त हो चुके चीतों के एक महत्वाकांक्षी स्थानांतरण समझौते के तहत आठ बोत्सवाना चीतों की प्रतीकात्मक सुपुर्दगी ली।
दलेला ने बताया कि दोनों देशों ने सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।
अपनी यात्रा के पहले चरण में मुर्मू ने अंगोला की राजधानी लुआंडा में राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोनकाल्विस लौरेंको से मुलाकात की।
लौरेंको ने नवीकरणीय ऊर्जा और जैव ईंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साझेदारी की तत्परता व्यक्त की।
मुर्मू ने दीर्घकालिक ऊर्जा खरीद अनुबंध और पेट्रोलियम शोधन में निवेश करने की भारतीय कंपनियों की इच्छा व्यक्त की।
अंगोला ने भारत के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) में शामिल होने पर भी सहमति व्यक्त की।
भाषा
सुमित प्रशांत
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