Death Penalty In Qatar: ग्वालियर। कतर की एक अदालत ने बीते गुरुवार 26 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है। पूर्व नौसेना कर्मी एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में थे। कतर की खुफिया सेवा ने पिछले साल अगस्त में आठों लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से एक एमपी के ग्वालियर का रहने वाला नौसैनिक पुरेंद्र तिवारी भी शामिल है जिसे फांसी की सजा सुनाई गई है।
Death Penalty In Qatar: ग्वालियर के रहने वाले पुरेंद्र तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। मीतू भार्गव ने आईबीसी24 के संवाददाता से कॉल कर ये बात कही। मीतू भार्गव का कहना है कि कतर हमारा पड़ोसी देश है, अगर पीएम कोशिश करेगें, तो मेरे भाई वापस आ जाएंगे। बता दें कतर की एक अदालत ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है, पूर्व नौसैनिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। इजरायल के लिए एक सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का दोषी ठहराया गया है। जिनमें रिटायर नौसैनिक पुरेन्द्र तिवारी को भी कतर में मृत्यु दंड की सज़ा की सजा सुनाई गई है।
Death Penalty In Qatar: बता दें ये सभी एक डिफेंस सर्विस प्रोवाइडर ऑर्गनाइजेशन- दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। इस निजी फर्म का स्वामित्व रॉयल ओमानी एयर फोर्स के एक रिटायर्ड सदस्य के पास है। इस निजी फर्म के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उसे पिछले साल नवंबर में रिहा कर दिया गया था। यह प्राइवेट फर्म कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराती थी। कतर सरकार ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया। इसलिए माना जा रहा है कि यह सुरक्षा से संबंधित मामला था। अदालत की सुनवाई में आरोपों का जिक्र किया गया लेकिन कतर और भारत सरकार ने उन्हें सार्वजनिक नहीं किया।
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