ready-to-apologise-for-controversial-remarks-against-woman-judge in PAK

इस शख्स ने महिला न्यायाधीश के खिलाफ की विवादित टिप्पणी, माफी मांगने की बात पर दिया ये बड़ा बयान

Controversial remarks against woman judge: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के ...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : September 22, 2022/4:42 pm IST

इस्लामाबाद। Controversial remarks against woman judge: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के सामने पेश हुए और एक महिला न्यायाधीश के खिलाफ की गई अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगने की इच्छा जताई।

खान की ओर से अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ज़ेबा चौधरी से माफी मांगने की इच्छा व्यक्त करने के बाद, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही स्थगित कर दी। अदालत महिला न्यायाधीश के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए 69 वर्षीय खान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही में आधिकारिक तौर पर अभ्यारोपित कर सकती थी।

Read More: बस्तर पहुंचे भाजपा के प्रमुख नेता, बोले- कंगाली के कगार पर खड़ा छत्तीसगढ़, 51 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी कांग्रेस सरकार

राजधानी में 20 अगस्त को एक रैली के दौरान, खान ने अपने सहयोगी शाहबाज़ गिल के साथ की गई बदसुलूकी को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की धमकी दी थी। गिल को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने न्यायाधीश ज़ेबा चौधरी के उस फैसले पर ऐतराज़ जताया जिसमें उन्होंने गिल को दो दिन की हिरासत में भेजने की पुलिस की गुज़ारिश को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उन्हें तैयार रहना चाहिए, क्योंकि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। भाषण के कुछ घंटों बाद, खान पर अपनी रैली में पुलिस, न्यायपालिका और राज्य के अन्य संस्थानों को धमकाने के आरोप में आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।

Read More: यूरिनल के बगल में रखे खाना परोसे जाने पर भड़के टीम इंडिया के ‘गब्बर‘, सीएम योगी से की ये मांग 

न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने गिल की पुलिस रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए खान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया था।  उच्च न्यायालय ने अदालत को संतुष्ट करने के वास्ते लिखित जवाब देने का खान को दो बार मौका दिया था, लेकिन वह अदालत को संतुष्ट करने में नाकाम रहे। इसके बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें अभ्यारोपित करने की घोषणा की थी।