मेलबर्न(आस्ट्रेलिया), 13 मई (एपी) अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के परिषद ने यूक्रेन के वायु क्षेत्र में मलेशिया एयरलाइंस की एक उड़ान को 2014 में मार गिराने के लिए मंगलवार को रूस को जिम्मेदार ठहराया।
इस घटना में, विमान में सवार 298 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
परिषद के इस निष्कर्ष पर पहुंचने से, पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजा पाने की संभावना बढ़ गई है।
नीदरलैंड नीत अंतरराष्ट्रीय जांच 2016 में पूरी हुई थी, जिसमें यह पाया गया था कि एमस्टर्डम से कुआलालंपुर की उड़ान को 17 जुलाई 2014 को यू्क्रेन से अलगाववादियों द्वारा मिसाइल से किये गए हमले में मार गिराया गया था। इस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति रूस ने की थी।
हालांकि, मॉस्को ने उड़ान संख्या एमएच 17 घटना में अपनी किसी तरह की संलिप्तता होने से इनकार किया है।
नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलियाई सरकारों ने 2022 में मॉन्ट्रियल स्थित वैश्विक विमानन एजेंसी के समक्ष रूस के खिलाफ मामला लाया था और इस फैसले का स्वागत किया है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इस मामले को सुलझाया नहीं जा सकता था क्योंकि रूस, नीदरलैंड के हेग स्थित इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है।
परिषद ने पाया कि रूस ने शिकागो समझौते का उल्लंघन किया है।
परिषद ने पाया कि रूस ने इस अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन समझौते का उल्लंघन किया है, जिसके अनुसार राष्ट्रों को ‘‘उड़ान में नागरिक विमानों के खिलाफ हथियारों का उपयोग करने से बचना चाहिए।’’
यह पहली बार हुआ है कि 193 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली परिषद ने विभिन्न देशों की सरकारों के बीच विवाद का फैसला किया है।
नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने कहा कि परिषद कुछ हफ्तों के भीतर मुआवजे के प्रश्न पर विचार करेगी।
वेल्डकैंप ने एक बयान में कहा, ‘‘इस संदर्भ में, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया अनुरोध कर रहे हैं कि परिषद रूसी संघ को नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत करने का आदेश दे, और परिषद इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाए।’’
आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने परिषद से आग्रह किया कि वह इस सिलसिले में एक उपाय तलाशने के लिए शीघ्रता से आगे बढ़े।
एपी सुभाष धीरज
धीरज
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