Sheikh Hasina News: शेख हसीना को ‘सजा-ए-मौत’ की घोषणा, हसीना की पार्टी आवामी लीग बांग्लादेश में मचाएगी तहलका, पार्टी ने किया बहुता बड़ा ऐलान, पढ़ें क्या…
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की
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- अवामी लीग ने शेख हसीना की मौत की सजा के विरोध में 30 नवंबर तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की।
- आईसीटी ने हसीना और पूर्व गृह मंत्री कमाल को मानवता के विरुद्ध अपराधों में दोषी ठहराया।
- हसीना फिलहाल भारत में; कमाल के भी भारत में छिपे होने की आशंका।
Sheikh Hasina News: नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 30 नवंबर तक देशभर में व्यापक आंदोलन और प्रतिरोध मार्च आयोजित करेगी। यह कदम अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) के उस फैसले के विरोध में उठाया गया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को ‘‘मानवता के विरुद्ध अपराधों’’ का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई है।
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को सुनाई गई मौत की सजा
17 नवंबर को आईसीटी द्वारा सुनाए गए इस फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। न्यायाधिकरण ने अपने विस्तृत निर्णय में 78 वर्षीय अवामी लीग नेता शेख हसीना को हिंसक दमन का “मास्टरमाइंड और प्रमुख सूत्रधार” बताया, जिसमें पिछले वर्ष जुलाई में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। यह फैसला उनकी अनुपस्थिति में सुनाया गया, क्योंकि हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व गृह मंत्री कमाल भी भारत में छिपे हुए हैं।
हसीना की पार्टी ने क्या कहा ?
अवामी लीग ने इस फैसले को न सिर्फ राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया बल्कि इसे एक “गंभीर षड्यंत्र” करार दिया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट जारी करते हुए आरोप लगाया कि अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार जानबूझकर विपक्ष को कमजोर करने और हसीना को फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से बाहर करने की साजिश रच रही है। पार्टी का कहना है कि आईसीटी न्यायाधिकरण का गठन और उसका निर्णय दोनों ही अवैध हैं तथा इनका उद्देश्य देश में राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करना है।
अवामी लीग फैसले को बताया जनविरोधी
अवामी लीग ने घोषणा की है कि वह इस फैसले को “जनविरोधी” बताते हुए इसे पूरी तरह खारिज करती है और न्यायाधिकरण को तुरंत भंग करने की मांग करती है। इसके साथ ही पार्टी ने अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। पार्टी ने मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की भी खुलकर मांग की है।
घोषणा के अनुसार, अवामी लीग 30 नवंबर तक देश के सभी जिलों और उपजिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, जनसभा और प्रतिरोध रैलियाँ निकालेगी। पार्टी का दावा है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन जनता को “लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर उतरने” का आह्वान किया गया है।
बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियाँ पहले से ही तनावपूर्ण हैं। सरकार बदलने, नए गठबंधनों के उभरने और बड़े नेताओं के विदेश में रहने ने देश की आंतरिक राजनीति को अस्थिर बना दिया है। ऐसे में अवामी लीग का यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन आने वाले समय में राजनीतिक तापमान को और भी बढ़ा सकता है।

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