लियुबलियाना (स्लोवेनिया), 11 जुलाई (एपी) स्लोवेनिया में देश के जल प्रबंधन कानून में बदलाव को लेकर जनमत संग्रह पर रविवार को हो रहे मतदान को प्रधानमंत्री जानेज जानसा की दक्षिणपंथी सरकार के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
जानसा की सरकार ने मार्च में संशोधन को मंजूरी दी थी लेकिन पर्यावरणविदों ने जनमत संग्रह कराने की पैरवी करते हुए कहा कि बदलाव से पर्यावरण को नुकसान होगा और हरेक व्यक्ति तक पानी की पहुंच बाधित होगी।
इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ के 20 लाख की आबादी वाले इस छोटे से देश में बहस शुरू हो गयी। देश के संविधान में पानी का अधिकार 2016 में निहित किया गया था। विवाद कानून के एक प्रावधान को लेकर है जिसमें समुद्र, नदियों और जलाशयों के पास होटलों, दुकानों और रेस्तरां समेत इमारतों के निर्माण को विनियमित करने की बात कही गयी है। सरकार का कहना है कि इससे नियमों का कड़ाई से पालन हो सकेगा और जल तथा बाढ़ सुरक्षा के लिए ज्यादा धन उपलब्ध होंगे जबकि प्रतिद्वंद्वियों का मानना है कि निजी निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं और लोगों तक पानी की सीमित पहुंच होगी।
पानी पर विवाद के बाद स्लोवेनिया में राजनीतिक संकट गहरा गया और जानसा की सरकार पर लोकतांत्रिक और मीडिया की आवाज को दबाने के आरोप लगे। देश में करीब 17 लाख योग्य मतदाता हैं।
एपी आशीष प्रशांत
प्रशांत