केप कैनवेरल (अमेरिका), दो मई (एपी) शुक्र ग्रह पर 1970 के दशक में उतरने के लिए भेजा गया सोवियत संघ दौर का एक अंतरिक्ष यान जल्द ही अनियंत्रित होकर पृथ्वी पर वापस गिर जाएगा। इसका प्रक्षेपण असफल रहा था।
यह संभवतः मई के शुरुआती दो सप्ताह में पृथ्वी पर वापस आ सकता है।
अंतरिक्ष मलबे पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार यह जानना अभी बहुत जल्दबाजी होगा कि धातु का आधा टन द्रव्यमान कहां गिरेगा या इसका कितना हिस्सा पृथ्वी पर फिर से वापस आने पर बच जाएगा।
डच वैज्ञानिक मार्को लैंगब्रोक ने भविष्यवाणी की है कि विफल अंतरिक्ष यान 10 मई के आसपास पुनः प्रवेश करेगा। उनका अनुमान है कि यदि यह बिना टूटे रहा तो 242 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा।
लैंगब्रोक ने एक ईमेल में कहा, ‘हालांकि इसमें जोखिम तो है, लेकिन हमें ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि यह वस्तु अपेक्षाकृत छोटी है और यदि यह टूटती भी नहीं है, तो भी ‘इसका जोखिम उल्कापिंड के गिरने के समान ही है, जो हर साल कई बार होता है। आपके जीवनकाल में आकाशीय बिजली गिरने का जोखिम इससे भी अधिक है।’
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान के किसी व्यक्ति या चीज से टकराने की आशंका बहुत कम है। ‘लेकिन इसे पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता।’
सोवियत संघ ने 1972 में कोसमोस 482 नामक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया था, जो शुक्र मिशन की श्रृंखला में से एक था। लेकिन रॉकेट की खराबी के कारण यह कभी पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं निकल पाया।
इसका अधिकांश हिस्सा एक दशक के भीतर ही गिर गया।
भाषा
शुभम माधव
माधव
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