कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन ने विश्व की परेशानी और बढ़ाई

कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन ने विश्व की परेशानी और बढ़ाई

कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन ने विश्व की परेशानी और बढ़ाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: December 1, 2021 9:14 pm IST

तोक्यो, एक दिसंबर (एपी) कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप ने बुधवार को विश्व की परेशानी और बढ़ा दी क्योंकि जापान ने यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया। वहीं, वायरस के नये स्वरूप से संक्रमण के मामले कुछ और स्थानों पर सामने आए हैं और नये साक्ष्य से यह स्पष्ट हो गया है कि यह स्वरूप सोचे गये समय से हफ्तों पहले से व्याप्त था।

ओमीक्रोन के बारे में ज्यादा जानकारी अभी नहीं है, जैसे कि यह कितना संक्रामक है, क्या यह टीकों को चकमा दे सकता है आदि। हालांकि,यूरोपीय आयोग प्रमुख ने स्वीकार किया है कि विश्व को इस बारे में वैज्ञानिकों का और जवाब देना लंबा खींच सकता है।

इस बीच, यूरोप के कई देश अब भी कोविड के पुराने स्वरूप डेल्टा से जूझ रहे हैं। वहां संक्रमण के मामले तीव्र गति से बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर भी बढ़ी है।

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वहीं, जापान ने अपना आक्रामक रुख बरकरार रखा है। उसने सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन को देश में आने वाली उड़ानों के लिए टिकटों की बुकिंग दिसंबर अंत के बंद करने को कहा है। जापान ने पेरू से कतर होते हुए आये एक व्यक्ति में इस स्वरूप की पुष्टि की है जो देश में ओमीक्रोन का दूसरा मामला है।

हालांकि, विश्व के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से यात्रियों के आगमन को निषिद्ध कर दिया है। अमेरिका अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जांच की जरूरतों को कठोर करने का कदम उठा रहा है।

दक्षिण अफ्रीकी अनुसंधान में विश्व स्वास्थ्य संगठन को पिछले हफ्ते ओमीक्रोन के बारे में सतर्क किया गया था लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि कहां या कब यह नया स्वरूप पहली बार प्रकट हुआ। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यह दक्षिण अफ्रीका से पहले से यूरोप में मौजूद था। लेकिन नाइजीरिया ने बुधवार को बताया कि उसके जन स्वास्थ्य संस्थान ने कहा है कि उसने अक्टूबर में एकत्र किये गये एक नमूने में यह स्वरूप पाया था । साथ ही यह इस म्यूटेशन का पहला ज्ञात मामला है।

इस बीच सउदी अरब ने बुधवार को कहा कि उसने ओमीक्रोन के प्रथम मामले की पुष्टि की है।

यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उर्सूला वोन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘मैंने अपने वैज्ञानिकों की सुनी, वे सब कह रहे हैं हम अभी पर्याप्त रूप से नहीं जानते हैं। इसलिए वे दो तीन हफ्तों का वक्त लेंगे। सामान्य समय में यह संक्षिप्त अवधि होती है लेकिन महामारी के समय में यह अनंतकाल होता है। ’’

इस बीच, जर्मनी के गहन चिकित्सा संघ ने बुधवार को चेतावनी दी क्रिसमस से पहले गहन चिकित्सा की जरूरत वाले कोविड मरीजों की संख्या एक नयी ऊंचाई को छू सकती है और इसके पिछले साल से भी सर्वकालिक ऊंचाई पर जाने की उम्मीद है।

उधर आस्ट्रिया ने लॉकडाउन 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। पुर्तगाल ने बुधवार को घरों के अंदर भी मास्क पहनने का प्रावधान किया।

दक्षिण कोरिया में पहली बार कोविड के प्रतिदिन के मामले बुधवार को 5,000 के आंकड़े को पार कर गया। देश डेल्टा स्वरूप के मामलों में वृद्धि से जूझ रहा है।

अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा है कि अगले कई हफ्तों में ओमीक्रोन के बारे में काफी कुछ पता चलेगा।

एपी सुभाष पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com