मार्सिले (फ्रांस), 13 जून (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि अगर दो देश किसी मुद्दे में हस्तक्षेप स्वीकार करने के लिए तैयार न हों, तो किसी तीसरे पक्ष का खुद को उसमें शामिल करना या कुछ करने की पेशकश करना ‘‘अव्यावहारिक’’ है।
जयशंकर यहां एक विचारक संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के पैनल चर्चा के दौरान बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में ईरान पर इजराइल के हालिया हमले के संदर्भ में पश्चिम एशिया में स्थिति को सहज बनाने में भारत की संभावित भूमिका के बारे में एक विशिष्ट प्रश्न पूछा गया था।
मंत्री ने कहा, ‘‘भारत क्या कर सकता है? हमारे देश के इजराइल और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। कई अन्य देशों की तरह हमने भी एक बयान जारी किया है। लेकिन, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि न सिर्फ इसमें, बल्कि किसी भी स्थिति में दोनों पक्षों को अपना मन बनाना जरूरी होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे इसके लिए तैयार नहीं हैं, तो किसी बाहरी व्यक्ति के लिए खुद को इसमें शामिल करना या कुछ करने की पेशकश करना बहुत अव्यावहारिक है।’’
जयशंकर ने नाम लिए बगैर ये टिप्पणियां कीं, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इन दावों की ओर था कि उन्होंने ‘‘फोन पर बातचीत और व्यापार रोकने की धमकी’’ के जरिये भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाया।
भाषा यासिर पारुल
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