शह मात The Big Debate: रेत माफिया.. खुला खेल, दबंगई और रसूख का मेल, आखिर माफिया इतने बेफ्रिक और इतने बेखौफ कैसे हैं?

रेत माफिया.. खुला खेल, दबंगई और रसूख का मेल, Sand mafia is flourishing in Chhattisgarh due to the combination of bullying and influence

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  • Publish Date - June 17, 2025 / 11:43 PM IST,
    Updated On - June 17, 2025 / 11:55 PM IST

Sand Mafia in Chhattisgarh

रायपुरः Sand Mafia in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में तरकीबन हर मुमकिन जगह पर नदियों के किनारे रेत उत्खनन के लिए अवैध घाटों की भरमार है, फिर भी मनमाने दाम पर रेत बिक रही है। कानून हैं, कानून के रखवाले भी हैं लेकिन कानून का मखौल बनाने वालों की जुर्रत इतनी है कि आम लोगों पर हमले, जनप्रतिनिधियों पर अटैक, यहां तक की प्रशासनिक दल को भी कुचल देने पर आमादा हैं। जाहिर है विपक्ष इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो बीजेपी पिछले कांग्रेस राज की याद दिला रही है। इन सबके बीच सवाल है कि आखिर रेत माफिया इतने बेफ्रिक और इतने बेखौफ कैसे हैं?

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Sand Mafia in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में रेत माफिया को आखिर किसका संरक्षण है, ये सवाल विपक्ष के आरोपों से उठा। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि सरकार के संरक्षण खुलेआम माफिया बेलगाम होकर दोनों हाथों से प्रदेश के संसाधनों को लूट रहा है। सवाल प्रशासन की निगरानी और पुलिस की चौकसी पर भी है। वैसे विपक्ष के आरोपों से इतर सिर्फ बीते 2 महीने के रेत माफिया के कारनामे देखें तो साफ हो जाता है कि रेत का धड़ल्ले से उत्खनन जारी है। माफिया के गुंडे ग्रामीणों पर फायरिंग करने यहां तक की रोकने पर आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचलने तक से गुरेज नहीं करते हैं। पत्रकार अगर खबर कवर करें तो उन्हें भी जान से मारने का प्रयास होता है। हालांकि सत्ता पक्ष का दावा है कि हर सूचना पर सख्त एक्शन होता है।

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रेत माफिया पर लगाम कसने के दावों की हकीकत पिछले दो महीने में हुई बड़ी वारदातें के आंकड़े साफ करते हैं। ऐसे में ये मिलीभगत का इशारा है या फिर प्रशासन की निगरानी और पुलिस का एक्शन नाकाफी है। सवाल ये है कि माफिया के आगे पूरा सिस्टम इतना बेबस, इतना लाचार क्यों दिखता है?