48 करोड़ में बिकी 10 सेकेंड की ये वीडियो क्लिप, जानिए क्या है इसकी खासियत

48 करोड़ में बिकी 10 सेकेंड की ये वीडियो क्लिप, जानिए क्या है इसकी खासियत

48 करोड़ में बिकी 10 सेकेंड की ये वीडियो क्लिप, जानिए क्या है इसकी खासियत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: March 2, 2021 9:12 am IST

लंदन। कब किसकी किस्मत बदल जाए ये कहा नहीं जा सकता, ये हम इसलिए कह रहे हैं कि एक ऐसा वाकया सामने आया है कि जिसे सुनकर लोग हैरान हैं, 2020 में अमेरिका के मियामी में रहने वाले एक आर्ट कलेक्टर ने 10 सेकेंड के एक आर्टिस्टिक वीडियो पर 67 हजार डॉलर्स यानी 49.13 लाख रुपए खर्च किए, अब इसे उन्होंने बेच दिया, इसके बदले उन्हें इस 10 सेकेंड के वीडियो के 6.6 मिलियन डॉलर्स यानी 48.42 करोड़ रुपए मिले हैं।

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पाब्लो ने जो आर्टिस्टिक वीडियो बेचा है उसमें दिख रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप नीचे गिरे हुए हैं, उनके शरीर पर ढेर सारे टैटू बने हैं, नारे लिखे हैं, ऊपर ट्विटर की चिड़िया भी बैठी है, NFT के लिए मार्केटप्लेस ओपनसी ने बताया कि उसने फरवरी महीने में 86.3 मिलियन डॉलर्स यानी 633 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री देखी है, जबकि पिछले साल यह 1.5 मिलियन डॉलर्स थी।

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<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>A 10-second video clip sold for $6.6 million: A new type of digital asset known as a non-fungible token (NFT) has exploded in popularity as enthusiasts and investors scramble to spend money on items that only exist online <a href=”https://t.co/2wrD4iFdkS”>https://t.co/2wrD4iFdkS</a> <a href=”https://t.co/3St8ERSllo”>pic.twitter.com/3St8ERSllo</a></p>&mdash; Reuters (@Reuters) <a href=”https://twitter.com/Reuters/status/1366529935762882562?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 1, 2021</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

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इस वीडियो को डिजिटल आर्टिस्ट बीपल (Beeple) ने बनाया था, बीपल का असली नाम माइक विंकेलमैन है, ब्लॉकचेन नामक संस्था ने प्रमाणित किया है कि वो 10 सेकेंड का वीडियो माइक ने ही बनाया है, यह वीडियो यानी डिजिटल एसेट को नॉन-फंजिबल टोकेन (NFT) कहा जाता है, कोरोनावायरस महामारी के दौरान NFT काफी प्रचलित हुआ है।

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इसे बनाने वालों को पैसे की जरूरत होती है, इसके लिए कई लोग निवेश भी करते हैं, क्योंकि NFT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही रहेगा और अगर ये किसी को पसंद आ गया तो इसके करोड़ों रुपए मिलते हैं, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसे वीडियो का ऑनलाइन डुप्लीकेशन नहीं हो पाता। इसे बेचने वाले आर्ट कलेक्टर पाब्लो रॉड्रिगेज-फ्रैल ने कहा कि आप लोर्वे जाओ, मोनालिसा की पेंटिंग देखो, उसका आनंद आप वहीं ले पाएंगे, पाब्लो ने कहा कि मैं बीपल के काम से प्रभावित था, इसलिए पहले उसे मैंने खरीदा।

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पाब्लो कहते हैं कि यह अपने काम से ज्यादा उस शख्स के लिए बेशकीमती बना है, जिसने इसे बनाया है, नॉन-फंजिबल टोकेन (NFT) इंटरनेट पर डॉलर्स, स्टॉक या सोने की ईंटों की तरह बदला नहीं जा सकता है, नॉन-फंजिबल टोकेन (NFT) में डिजिटल आर्टवर्क, स्पोर्ट्स कार्ड्स, वर्चुअल एनवयरॉनमेंट, क्रिप्टोकरेंसी व़ॉलेट नेम जैसी चीजें आती हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com