छात्रा की आपबीती! जहां सैकड़ों लड़कियों को उनके ही परिजनों के साथ सेक्स के लिए किया मजबूर | Tigray Conflict! Where hundreds of girls and girls were forced to have sex with their families.

छात्रा की आपबीती! जहां सैकड़ों लड़कियों को उनके ही परिजनों के साथ सेक्स के लिए किया मजबूर

छात्रा की आपबीती! जहां सैकड़ों लड़कियों को उनके ही परिजनों के साथ सेक्स के लिए किया मजबूर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : February 19, 2021/2:09 pm IST

इथियोपिया का टिग्रे संघर्ष: एक सैनिक एक छात्रा के साथ रेप करने की कोशिश कर रहा था, ख़ुद का बचाव करते हुए छात्रा ने अपना हाथ खो दिया, उनके दादा को मजबूर करने का प्रयास किया गया कि वो अपनी पोती के साथ शारीरिक संबंध बनाएँ। इस छात्रा की उम्र क़रीब 18 साल है जो बीते दो महीने से वो इथियोपिया के उत्तरी प्रांत टिग्रे के एक अस्पताल में भर्ती है। इथियोपिया की इस छात्रा की कहानी दर्द से झकझोर देती है।

दरअसल, टिग्रे में संघर्ष की शुरुआत नवंबर साल 2020 में हुई थी, जब प्रधानमंत्री अबी अहमद ने इस प्रांत की सत्तारूढ़ पार्टी टीपीएलएफ़ को हटाने के लिए एक आक्रामक अभियान छेड़ दिया, टीपीएलएफ़ के लड़ाकों ने संघीय सैन्य ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया था, टिग्रे में शुरू हुए इस संघर्ष के साथ ही 18 वर्षीय इस छात्रा जैसे कई दूसरे छात्र-छात्राओं के सपनों पर पानी फिर गया। इनमें से ज़्यादातर तो अपने क़स्बे के दूसरे लोगों के साथ पहाड़ों पर भाग गए।

read more: पति-पत्नी का एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार, साथ पूरी हुई जीन…

इसके बाद अबी अहमद ने टिग्रे की राजधानी मेकेले पर क़ब्ज़े के साथ ही जीत की घोषणा कर दी। 29 नवंबर को संघीय सेना ने यहाँ क़ब्ज़ा कर लिया था। इस दौरान सुरक्षाबलों ने टीपीएलएफ़ के उन सदस्यों को निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिन्होंने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था। इस दौरान टिग्रे के निवासियों के ख़िलाफ़ भी कई ऐसी घटनाएँ सामने आईं, जिन्हें लेकर मानवाधिकार हनन के आरोप लगे, हालाँकि अधिकारी इन आरोपों से इनकार करते हैं।

ये स्कूल छात्रा और उनके दादा अभी भी उसी क़स्बे के अपने घर में रह रहे थे, उनका घर अबीय अदी क़स्बे में है, यह क़स्बा मेकेले से पश्चिम में क़रीब 96 किलोमीटर दूर है, वो कहीं नहीं जा सके, क्योंकि उनके लिए दूर की यात्रा कर पाना बेहद मुश्किल था। 3 दिसंबर की घटना के बारे में इस किशोरी ने बताया कि इथियोपियाई सेना की वर्दी पहने एक सैनिक उनके घर में घुस आया, वो उनसे बार-बार टिग्रे लड़ाकों के बारे में पूछ रहा था।

read more: आजाद भारत में पहली बार महिला को दी जाएगी फांसी, अपराध जान कांप जाएग…

इसके बाद उस सैनिक ने उनके घर की तलाशी ली और जब उन्हें उस घर में कोई नहीं मिला, तो उसने उन्हें बिस्तर पर लेटने का आदेश दिया, इसके बाद वो उनके चारों ओर गोलियाँ बरसाने लगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छात्रा ने बताया कि “उसने मेरे दादा जी को मेरे साथ यौन-संबंध बनाने के लिए कहा, इतना सुनते ही मेरे दादा गुस्से से भर गए और दोनों के बीच लड़ाई होने लगी। वो सैनिक मेरे बूढ़े दादा को कमरे से बाहर लेकर गया और उनके कंधे पर गोली मार दी, एक गोली जांघ पर भी मारी। कुछ देर बाद जब वो वापस लौटकर आया, तो उसने मुझसे कहा कि उसने मेरे दादा को मार दिया है।”

छात्रा ने बताया कि उसने मुझसे कहा कि अब तुम्हे कोई नहीं बचा सकता है, उसने मुझे मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा, मैं उससे बार-बार मिन्नतें करती रही, लेकिन वो मुझे लगातार मारे जा रहा था। कुछ मिनटों तक दोनों के बीच संघर्ष चला, लेकिन अंत में उस सैनिक का ग़ुस्सा इतना बढ़ गया कि उसने इस छात्रा पर भी गोली दाग दी। सैनिक ने छात्रा के दाहिने हाथ में तीन गोलियाँ मारीं, उसने मेरे पैर में तीन गोलियाँ मारीं, बाद में जब बाहर से गोलियाँ चलने की आवाज़ आई, तो वो वहाँ से चला गया। बाद में उसने देखा कि दादा भी ज़िंदा थे, हालाँकि वो बुरी स्थिति में थे और बेहोश थे।

read more: सहमति से सेक्स कीजिए और खुश रहिए, रेप रोकने इस देश की सरकार ने लांच…

इस छात्रा की दिल दहला देने वाली आपबीती के सामने आने के बाद टिग्रे में संघर्ष के दौरान कथित यौन हिंसा के मामलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है, यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की दूत प्रमिला पट्टन ने अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि ऐसी कई घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं, जिसमें लोगों को उनके ही परिवार के सदस्यों का रेप करने के लिए बाध्य किया गया, उन्हें ऐसा करने के लिए डराया गया, उनके साथ हिंसा की गई।

कुछ महिलाओं ने ऐसी घटनाओं का भी ज़िक्र किया है, जिसमें उन्हें ज़रूरत की चीज़ों के बदले यौन-संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया, इसके अलावा मेडिकल सेंटर से भी कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिसमें अचानक गर्भ-निरोधक और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफ़ेक्श को टेस्ट करने की किट की माँग बढ़ी हुई पाई गई, ये सभी घटनाएँ और साक्ष्य अक्सर संघर्ष के दौरान यौन हिंसा होने का संकेत होते हैं। तीन विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि टिग्रे में सरकारी संरक्षण में हत्याएँ और सामूहिक बलात्कार की घटनाएँ रोज़मर्रा की बात हो गई है, उन्होंने एक मामले का ज़िक्र करते हुए कहा कि टिग्रे में एक पिता को बंदूक की नोंक पर अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार करने के लिए मजबूर किया गया।

read more: गर्लफ्रेंड ने अस्पताल में दिया बच्चे को जन्म, इधर बॉयफ्रेंड के साथ …

एक डॉक्टर और एक महिला अधिकार समूह की सदस्य ने बताया कि उस दौरान उन्होंने क़रीब 200 ऐसी लड़कियों के मामले रजिस्टर किए, जिनकी उम्र 18 वर्ष के आस-पास थी, ये मामले अलग-अलग अस्पतालों में और स्वास्थ्य केंद्रों में रजिस्टर हुए, लेकिन इन सभी का आरोप एक ही था। इन सभी लड़कियों का कहना था कि उनके साथ रेप हुआ है। उनमें से ज़्यादातर लड़कियों ने बताया कि रेप करने वाले ने इथियोपियाई सेना की वर्दी पहन रखी थी। उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें मेडिकल सहायता ना लेने के लिए धमकाया भी गया था।

डॉक्टर ने बताया कि “उनके शरीर पर खरोंचें थीं, उनमें से कुछ के साथ तो सामूहिक बलात्कार हुआ था। उनमें से एक के साथ तो सप्ताह तक बलात्कार होता रहा था, वहाँ कोई पुलिस नहीं है और ऐसे में न्याय भी नहीं है।” महिला अधिकार कार्यकर्ता ने बताया, “टिग्रे के दूसरे हिस्सों में भी हमें बलात्कार की ऐसी ही चौंकाने वाली कहानियाँ सुनने को मिलीं। लेकिन ट्रांसपोर्ट की समस्या के चलते हम उनकी मदद नहीं कर सके।”

read more: आंखों पर पट्टी बांधकर भी लिख, पढ़ और खेल लेती है तनिष्का, सबसे कम उम…

मेकेले के एक अस्पताल में काम करने वाली एक अन्य मेडिकल स्टाफ़ ने बताया कि ”बीते कुछ समय में हर रोज करीब़ पाँच से छह महिलाएँ आती हैं, वो एचआईवी रोधी दवा माँगती हैं या फिर गर्भनिरोधक गोलियाँ। टिग्रे महिला अधिकार समूह यिकोनो से जुड़ी वेनी अब्राह ने मीडिया को बताया कि युद्ध के दौरान बलात्कार को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, वो कहती हैं, “मेकेले में कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, यह लोगों का मनोबल तोड़ने, उन्हें धमकाने और लड़ाई से हटाने के लिए, जान-बूझकर किया जा रहा है।”

वहीं इथियोपिया के सेना के प्रमुख बिरहानु जुला गेचलचा ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है, उन्होंने कहा, “हमारे सैनिकों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, वे डकैत नहीं हैं, वे सरकारी सुरक्षा बल हैं और सरकारी सुरक्षा बल नैतिकता का पालन करते हैं।” मेकेले के नव-नियुक्त अंतरिम मेयर एटकिलटी हैलेसिलस ने कहा कि मानवाधिकार समूहों ने बढ़ा-चढ़ाकर मामलों को दिखाया है।

read more: ’दबा बल्लू’ नहीं बोला युवक तो हो गई धुनाई, मड़ई मेला के दौरान पांच ल…

सरकार ने हाल हीं में टिग्रे में एक टास्क फ़ोर्स को नियुक्त किया था, इस टास्क फ़ोर्स को आरोपों की जाँच करने के लिए नियुक्त किया गया था, जाँच करने वालों में महिला और स्वास्थ्य मंत्रालय के लोग और अटॉर्नी जनरल का ऑफ़िस शामिल था, उनकी शुरुआती रिपोर्ट में रेप हुआ है, इसकी पुष्टि तो हुई है, लेकिन पूरी रिपोर्ट अभी आना बाक़ी है। पिछले सप्ताह इथियोपियाई मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि पूरे टिग्रे में पिछले दो महीने में बलात्कार के 108 मामले दर्ज हुए थे।

इस छात्रा के मामले की जानकारी एक डॉक्टर से मिली, उन्होंने ही उस छात्रा का इलाज किया और इलाज के दौरान उन्हें उसका हाथ काटना पड़ा, इस छात्रा ने डॉक्टर को उस दिन की घटना के बाद क्या कुछ हुआ विस्तार से बताया था। इस छात्रा के दादा अब लगभग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, लेकिन इस छात्रा का अब भी इलाज चल रहा है, उनका हाथ काटना पड़ा। उनके दाएँ पैर में अब भी प्लास्टर लगा हुआ है। उन्होंने अस्पताल के बिस्तर से ही रोते-रोते बताया कि मेरे सारे सपने चकनाचूर हो गए।

उनके स्कूल का अंतिम साल था, वो यूनिवर्सिटी जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती थीं, ताकि एक बेहतर करियर बना सकें और अपने दादा की देखभाल कर सकें, क्योंकि मां की मौत के बाद उन्होंने ही उनकी परवरिश की थी। छात्रा के दादा की माने तो वे भी हार मान चुके हैं और रोते हुए कहते हैं कि अब यह कैसे संभव हो पाएगा? अब वो नहीं हो पाएगा, जो मैंने सोचा था।