अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में आईएस लड़ाकों की वापसी संबंधी प्रस्ताव पर वीटो किया
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में आईएस लड़ाकों की वापसी संबंधी प्रस्ताव पर वीटो किया
संयुक्त राष्ट्र, एक सितंबर (एपी) अमेरिका ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में उस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों के अभियोजन, पुनर्वास और मुख्यधारा में शामिल किए जाने से संबंधित था। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा कि यह प्रस्ताव चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट के विदेशी लड़ाकों और उनके परिवारों का सीरिया और इराक से प्रत्यावर्तन से जुड़ा हुआ नहीं है।
अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को मजबूत करने के लिए लाया गया इस प्रस्ताव से बेहतर होता कि कोई प्रस्ताव नहीं लाया जाता।
कोविड-19 महामारी के कारण 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने ईमेल के जरिए मतदान किया। परिणाम के अनुसार 14 देश इस प्रस्ताव के पक्ष में थे और केवल अमेरिका ने विरोध किया।
इसकी घोषणा सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष और इंडोनेशिया राजदूत डियान त्रियांसयाह जानी ने की। उनके देश ने यह प्रस्ताव पेश किया था।
अमेरिका के वीटो को स्पष्ट करते हुए क्राफ्ट ने बैठक में अपनी पिछली टिप्पणियों का जिक्र किया। उन्होंने जोर दिया कि आईएसआईएस के नाम से चर्चित चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के अपराधों और और उनके परिवार के सदस्यों के लिए जवाबदेही और प्रत्यावर्तन आवश्यक है ताकि वे आईएसआईएस 2.0 के बीज नहीं बन सकें।
क्राफ्ट ने कहा कि इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने के संबंध में इंडोनेशियाई प्रयासों को लेकर पिछले हफ्ते ट्रम्प प्रशासन को निराशा हुई। इसमें परिषद सदस्यों द्वारा प्रत्यावर्तन को शामिल करने से इनकार कर दिया गया था।
क्राफ्ट ने कहा कि अमेरिकी अपने नागरिकों को वापस लाता है और उपयुक्त होने पर उनके खिलाफ मुकदमा चलाता है। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के हवाले से कहा, ‘हम चाहते हैं कि हर देश अपने नागरिकों को वापस ले जाए। वह पहला कदम है। यह जरूरी है कि वे ऐसा करें। ”
एपी
अविनाश माधव
माधव

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