ब्रिटेन ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने में सीबीआई के ‘सहयोग’ को सराहा

ब्रिटेन ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने में सीबीआई के ‘सहयोग’ को सराहा

ब्रिटेन ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने में सीबीआई के ‘सहयोग’ को सराहा
Modified Date: July 11, 2025 / 10:16 pm IST
Published Date: July 11, 2025 10:16 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 11 जुलाई (भाषा) ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) ने नोएडा से संचालित और धोखाधड़ी करने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और कई अमेरिकी टीम के साथ मिलकर किए गए ‘अद्भुत सहयोग’ का ब्योरा शुक्रवार को साझा किया। इस कॉल सेंटर की ओर से किये गए घोटाले के पीड़ितों में ब्रिटेन के कई लोग शामिल हैं।

एनसीए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जांच पिछले साल की शुरुआत में शुरू हुई थी जब अमेरिका में उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्क अधिकारियों को दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से जानकारी मिली थी।

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एनसीए और अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारियों ने सीबीआई के साथ अपनी खुफिया जानकारी साझा की, जिसके परिणामस्वरूप ‘तत्काल कार्रवाई’ हुई और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘माना जाता है कि अकेले ब्रिटेन में पीड़ितों ने 3.9 लाख पाउंउ से ज्यादा का नुकसान उठाया है… 100 से अधिक ब्रिटिश नागरिकों से एक समूह ने संपर्क किया था और उनके कंप्यूटर को शुल्क लेकर ठीक करने की पेशकश की थी। ऐसा तब हुआ जब एक स्क्रीन पॉप-अप में उनके डिवाइस के संक्रमित या हैक होने का संकेत मिला था। दरअसल, घोटाले में शामिल लोग माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारी बनकर उस हमले के लिए सॉफ़्टवेयर समाधान की पेशकश कर रहे थे जो कभी हुआ ही नहीं था।’’

जब एनसीए ने यह पता लगाया कि वही कॉल सेंटर अमेरिकी नागरिकों को भी निशाना बना रहा था, तो खुफिया जानकारी और सूचना साझा करने के लिए साझेदारी पर सहमति बनी।

जांच में यह बात सामने आयी कि घोटाले में शामिल अपराधियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए – कई देशों में सर्वरों के ज़रिए कॉल रूट करने के लिए नकली फ़ोन नंबर या वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया।

राष्ट्रीय आर्थिक अपराध केंद्र (एनईसीसी) के उपनिदेशक निक शार्प ने कहा, ‘‘यह मामला उस सफलता को दर्शाता है जो हमें तब मिल सकती है जब हम सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करें और घोटालेबाजों को, चाहे वे कहीं भी हों, निशाना बनाने के लिए विदेशी साझेदारों के साथ मिलकर काम करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पिछले साल ब्रिटेन और अमेरिका के बीच विशेष रूप से कॉल सेंटर धोखाधड़ी से निपटने के लिए हुए समझौते के महत्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।’’

एनसीए, एफबीआई और माइक्रोसॉफ्ट ने भारत स्थित कई प्रमुख संदिग्धों की पहचान की और पीड़ितों की गवाही सहित साक्ष्यों का एक संग्रह तैयार किया, जिसमें लंदन पुलिस ने भी सहयोग दिया।

ब्रिटेन के वरिष्ठ मंत्री लॉर्ड डेविड हैन्सन ने कहा, ‘‘जैसा कि हमने इस मामले में देखा, धोखाधड़ी से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है। इसीलिए नए यूएनओडीसी-इंटरपोल वैश्विक धोखाधड़ी शिखर सम्मेलन जैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग, ज्ञान साझा करने और इन अपराधियों को पकड़ने का एक महत्वपूर्ण तरीका हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं इस अभियान में सहयोग के लिए अमेरिकी और भारतीय सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं।’’

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश

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