USA increases oil import from Russia despite asking other countries

दूसरे देशों पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बना रहा अमेरिका, लेकिन खुद खरीद रहे भारी मात्रा में तेल, रूसी अधिकारी ने खोल दी पोल!

दूसरे देशों पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बना रहा अमेरिका! USA increases oil import from Russia despite asking other countries

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : April 5, 2022/5:21 pm IST

नई दिल्ली: USA increases oil import from Russia रूस और यूक्रेन के बीच भारत सरकार ने अपने पुराने दोस्त रूस से तेल खरीदने का फैसला लिया है। हालांकि अमेरिका ने इस बात का विरोध करते हुए भारत को चेतावनी भी दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने अमेरिका की चेतावनी को दरकिनार करते हुए रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया है। लेकिन इन सब के बीच एक रूसी अधिकारी ने ऐसा बयान दे दिया है, जो अमेरिका की पोल खोलकर रख दिया है।

USA increases oil import from Russia दरअसल रूसी सुरक्षा परिषद उप सचिव मिखाइल पोपोव ने रविवार को रूसी मीडिया को बताया कि अमेरिका ने रूस से कच्चे तेल की खरीददारी में पिछले एक सप्ताह में 43 प्रतिशत की वृद्धि की है। यानी अमेरिका रूस से प्रतिदिन सौ हजार बैरल कच्चा तेल अधिक खरीद रहा है।

Read More: दूल्हे ने ऐसा क्या बोल दिया कि स्टेज पर ही भड़क गई दुल्हन, माला फेंक दूल्हे को उंगली दिखाते हुए सुना दी खरीखोटी

चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी अधिकारी ने कहा कि यूरोप को अमेरिका से इसी तरह के ‘आश्चर्यजनक रवैये’ की उम्मीद करनी चाहिए। पोपोव ने कहा कि ‘इसके अलावा अमेरिका ने अपनी कंपनियों को अनुमति दी है कि वो रूस से खनिज उर्वरकों को खरीदें। इसे आवश्यक वस्तु के रूप में मान्यता दी गई है।’ यूरोप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर निर्भर है। ये जानते हुए भी अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं।

Read More: शादी से पहले बैचलर पार्टी करेंगे रणबीर और आलिया, सामने आई मेहमानों की लिस्ट 

अमेरिका और ब्रिटेन दोनों पर दबाव है कि वो रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाएं। ब्रिटेन ने कहा भी है कि वो साल के अंत तक रूसी तेल पर अपनी निर्भरता को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर देगा। अमेरिका ने भी कहा है कि वो 22 अप्रैल तक रूस से तेल और कोयले के आयात को समाप्त कर देगा। नॉर्मल यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर रशियन स्टडीज ऑफ ईस्ट चाइना के सहायक रिसर्च फेलो कुई हेंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि रूस को लेकर अमेरिका की नीति दो पहलुओं पर आधारित है- एक, रूस का मुकाबला करने के लिए उदारवाद और दूसरा, अमेरिकी हितों की रक्षा करने के लिए व्यावहारिक रुख अपनाना। कुई हेंग ने कहा कि अमेरिका रूस से अधिक मात्रा में तेल खरीदकर तेल बाजार पर नियंत्रण करना चाहता है।

Read More: मोदी सरकार ने 22 Youtube चैनल को किया बैन, 4 पाकिस्तानी चैनल भी शामिल, 3 ट्विटर, 1 FB अकाउंट और 1 न्यूज वेबसाइट पर भी प्रतिबंध

हेंग ने कहा, ‘अमेरिका सस्ती कीमत पर रूसी तेल खरीदता है और घरेलू हितों की रक्षा के लिए उन्हें उच्च कीमत पर यूरोप को बेच देता है। अंततः इसका शिकार यूरोप ही बन रहा है. यूरोप का पैसा अमेरिका में जाता है और यूरो के मुकाबले डॉलर को मजबूती मिलती है।’

Read More: घर में कोई नहीं है.. मिलने के लिए आ जा! ब्वॉयफ्रेंड को घर बुलाई युवती, परिवार वालों को लगी भनक तो किया ये काम