(ललित के झा)
वाशिंगटन, 23 जुलाई (भाषा) रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी ने कहा है कि देश एक उम्मीदवार के खिलाफ नहीं बल्कि एक अनिर्वाचित प्रबंधक वर्ग रूपी मशीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है। रामास्वामी ने पूर्व में कहा था कि नवंबर में होने जा रहे चुनाव के लिए राष्ट्रपति जो. बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।
भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी से राजनेता बने रामास्वामी ने सोमवार को कहा कि पांच नवंबर को चुनावों के लिए सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार के रूप में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की जगह एकदम से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को लाने से कई सवाल उठते हैं।
रामास्वामी ने विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किए गए 15 मिनट के वीडियो में कहा, ‘‘हम वास्तव में यहां किसी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। हम एक मशीन के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह इस बात की गहरी समझ है कि क्या हो रहा है, जिसके लिए उन चीजों को अस्वीकार करना आवश्यक है जो आप अन्यथा सोच सकते हैं।’।’’
पिछले नवंबर माह में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान 38 वर्षीय रामास्वामी ने भविष्यवाणी की थी कि बाइडन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होंगे, उस समय मुख्यधारा की अधिकतर मीडिया ने इस दावे को ‘षड्यंत्र सिद्धांत’ के रूप में खारिज कर दिया था।
रविवार को बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने की घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया और उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया है, जो फिलहाल इस दौड़ में डेमोक्रेटिक पार्टी की एकमात्र नेता हैं।
जनवरी में अपने रिपब्लिकन राष्ट्रपति अभियान को निलंबित कर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने वाले रामास्वामी ने कहा कि आज डोनाल्ड ट्रंप या रिपब्लिकन पार्टी जो कुछ भी कहती है, उससे डेमोक्रेट्स सहमत नहीं हो सकते हैं, और यह ठीक है। कोई भी दो अमेरिकी 100 प्रतिशत नीतियों पर सहमत नहीं होते हैं।
रामास्वामी ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट एक पार्टी है और यह उनका एक अभियान है जिसने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को पद से बाहर रखने को अपने अस्तित्व का मुख्य कारण बना लिया है। ‘‘उन्होंने कानून व्यवस्था के भीतर और कानून के बाहर जाकर भी उन्हें रोकने की हरसंभव कोशिश की है।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें मतपत्र से दूर रखने के उनके सभी प्रयास न केवल विफल हो गए, बल्कि उलटा असर भी हुआ, जिससे ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी और अधिक लोकप्रिय हो गई।
भाषा यासिर मनीषा नरेश
नरेश