फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर देश के 640 विश्वविद्यालयों ने भेजा UGC को जबाव, परीक्षा आयोजन पर कही ये बात ... देखिए | 640 universities of the country sent response to UGC regarding final year examinations

फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर देश के 640 विश्वविद्यालयों ने भेजा UGC को जबाव, परीक्षा आयोजन पर कही ये बात … देखिए

फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर देश के 640 विश्वविद्यालयों ने भेजा UGC को जबाव, परीक्षा आयोजन पर कही ये बात ... देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : July 16, 2020/10:29 am IST

नईदिल्ली। फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की नई गाइडलाइंस आने के बाद देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दुविधा की स्थिति बनी हुई है। यूजीसी ने गुरुवार को कहा कि परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था। 640 विश्वविद्यालयों का जवाब मिला है। इनमें से 454 विश्वविद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या फिर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। 177 विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं पर फैसला लिया जाना बाकी है।

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आपको बता दें कि यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के फाइनल ईयर/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है। रिवाइज्ड गाइडलाइंस आने के बाद तमाम राज्यों में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारें अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों में सभी परीक्षाएं रद्द कर चुकी हैं। जबकि यूजीसी ने सभी राज्यों से अपील की थी कि वह अपने यहां के सभी विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा जरूर कराएं।

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यूजीसी ने कहा है कि देश में उच्च शिक्षा स्तर में एकरूपता होना बेहद जरूरी है। इसके लिए ही गाइडलाइंस स्वीकार की जाती हैं और उनका अनुसरण किया जाता है। उन राज्यों को भी यूजीसी की गाइडलाइंस माननी चाहिए और फाइनल ईयर की परीक्षाएं करानी चाहिए। अगर हम फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे तो इससे उनकी डिग्री की वैधता पर एक सवाल उठता है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑनलाइन, ऑफलाइन या ब्लेंडेड किसी भी मोड से परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं। अगर कोई स्टूडेंट सितंबर में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में नहीं बैठ पाता है तो यूनिवर्सिटी ऐसे छात्रों के लिए स्पेशल एग्जाम करवाएगी।’

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शिक्षाविदों ने यूजीसी को पत्र लिखकर फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के फैसले पर दोबारा विचार विमर्श करने के लिए लिखा है। यूजीसी की प्रमुख डीपी सिंह को लिखे पत्र में लिखा है कि परीक्षाओं पर यूजीसी की लेटेस्ट एडवाइजरी दुर्भाग्यपूर्ण है। ये हमें आगे ले जाने की बजाय पीछे ले जाएंगे। पत्र में लिखा गया है कि यूजीसी के इस फैसले से इससे राज्यों के अनिश्चितता का दौर शुरू हो जाएगा। क्योंकि कई राज्य पहले ही परीक्षाएं रद्द करने का फैसला ले चुके थे।