नईदिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के फैसलों पर जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) को अधीनस्थ पदों के लिए सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) आयोजित करने का अधिकार दे दिया गया है। वहीं मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक सुधारों में से एक है, यह भर्ती, चयन, नौकरी में आसानी और विशेष रूप से समाज के कुछ वर्गों के लिए जीवन यापन में आसानी लाएगा।
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती है, यह सब समाप्त करने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) लेगी, इससे युवाओं को लाभ होगा। देश में करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं, ये सब समाप्त करते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (राष्ट्रीय भर्ती संस्था) अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) लेगी। इसका फायदा करोड़ों युवाओं को होगा, जो नौकरी के लिए आवेदन करते हैं।
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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि युवाओं की ये मांग वर्षों से थी, लेकिन अबतक इसपर फैसला नहीं लिया गया था, इस एक फैसले से युवाओं की तकलीफ भी दूर होगी और उनका पैसा भी बचेगा, युवाओं को अब एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका मिलेगा। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) की मेरिट लिस्ट 3 साल तक मान्य रहेगी, इस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेगा।
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