मरीज के इस अंग में फंसा था नारियल जितना बड़ा ट्यूमर, 3 घंटे चला ऑपरेशन, फिर जो हुआ…
Coconut-sized tumor in the neck: डॉक्टर ने बताया कि 3 घंटे तक चले इस ऑपरेशन को करने में कई प्रकार की चुनौतियां सामने आईं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती मरीज के इस ट्यूमर को निकालते हुए उसकी आवाज को बचाए रखना था। हालांकि उसकी दोनों वोकल कॉर्ड नर्व्स को सफलतापूवर्क बचा लिया गया। दूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी कि ट्यूमर कई प्रकार की ब्लड वेसेल्स से भरा हुआ था।
A tumor as big as a coconut was trapped in this part of the patient
नई दिल्ली। Coconut-sized tumor in the neck: राजधानी स्थित गंगाराम अस्पताल के ईएनटी डॉक्टरों ने एक मरीज के गले में से नारियल के आकार का ट्यूमर निकालकर उसे एक नया जीवनदान दिया है। नेक ऑन्को सर्जरी के प्रमुख डॉक्टर ने बताया कि पिछले कई सालों से प्रेक्टिस के दौरान उन्होंने बड़े थॉइरॉइड ट्यूमर की करीब 250 से ज्यादा सर्जरी की हैं, लेकिन यह ट्यूमर के वजन और साइज के मामले में यह अलग ही केस था। आमतौर पर थॉइराइड ग्लैंड 10 से 15 ग्राम की होती है और इसका साइज 3-4 सेंटीमीटर होता है। इसकी शेप भी तितली के आकार की होती है, लेकिन इस मरीज के मामले में यह ग्लैंड 18 से 20 सेंटीमीटर की नारियल से भी बड़े आकार के ट्यूमर में बदल गई थी।
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गले में हुआ नारियल के आकार का ट्यूमर
Coconut-sized tumor in the neck: दरअसल, यह मामला बिहार के बेगुसराय के रहने वाले 72 वर्षीय किसान का है, जिनको पिछले 6 महीनों से सांस लेने और कुछ भी निगलने में परेशानी हो रही थी। जैसे जैसे यह समस्या बढ़ती गई मरीज का जीवन काफी हद तक प्रभावित होने लगा। इसके बाद पिछले महीने ही मरीज को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में लाया गया। जहां अस्पताल के नेक ऑन्को सर्जरी, ईएनटी विभाग में दिखाया गया।
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3 घंटे चला ऑपरेशन
Coconut-sized tumor in the neck: डॉक्टर ने बताया कि 3 घंटे तक चले इस ऑपरेशन को करने में कई प्रकार की चुनौतियां सामने आईं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती मरीज के इस ट्यूमर को निकालते हुए उसकी आवाज को बचाए रखना था। हालांकि उसकी दोनों वोकल कॉर्ड नर्व्स को सफलतापूवर्क बचा लिया गया। दूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी कि ट्यूमर कई प्रकार की ब्लड वेसेल्स से भरा हुआ था।
आवाज खोने का था डर
Coconut-sized tumor in the neck: ऐसे में मरीज में खून कम होने का खतरा था, ऐसे में इन ब्लड वेसेल्स को पंक्चर होने से रोक लिया गया और मरीज को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके अलावा विंड पाइप पर दवाब था लिहाजा एनेस्थीसिया के लिए विशेष तकनीक अपनाई गई। इस प्रकार के बड़े ट्यूमर्स में कैल्शियम को संरक्षित करना और पैरा थाइरॉइड ग्लैंड को ठीक बनाए रखना बड़ी चुनौती होती है, लेकिन इस केस में चारों पैरा थॉइरॉइड ग्लैंड्स को बचा लिया गया।

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