दूल्हे नहीं बल्कि उनके बहन के साथ सात फेरे लेती है यहां की दुल्हनें, सदियों से निभाई जा रही है ये अजीबोगरीब परंपरा

दूल्हे नहीं बल्कि उनके बहन के साथ सात फेरे लेती है यहां की दुल्हनें! bride marry with the groom's sister

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  • Publish Date - August 4, 2022 / 08:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नईदिल्ली। bride marry हमारे देश के अलग अलग समाजों में अलग अलग तरह के रिति रिवाजों से शादी होती है। वहीं हर समाज में अलग अलग की रस्में निभाई जाती है। लेकिन कई ऐसे समाज होते है जो शादी में अजीबो तरह के रस्में निभाई जाती है। ऐसा ही एक समाज है जहां अलग तरह के परंपराएं निभाई जाती है। यहां बिना दूल्हे की ही बारात निकाली जाती है।

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bride marry दरअसल, मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे आदिवासी गांवों के लोग रहते है। यहां शादी में दूल्हे की बारात तो निकाली जाती है, लेकिन नहीं ही बारात में नहीं होता और जब शादी होती है तो दुल्हन दुल्हे से पहले अपनी बहन के साथ सात फेरे लेती है। बताया जा रहा है कि अंबाला, सुरखेडा व सनेडा गांवों में ये परंपरा सदियो से चली आ रही है। जब शादी के लिए बारात निकाली जाती है तो दूल्हा नहीं होता। बल्कि दूल्हे की जगह उसकी बहन बारात लेकर जाती है और दुल्हन के साथ सात फेरे लेती है। मध्य प्रदेश से सटे आदिवासी समुदाय में आज भी यह रिवाज निभाया जाता है।

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इस समुदाय के लोगों का मानना है कि एक पहाड़ी पर देवता भरमादेव का निवास है। कहा जाता हे कि भरमादेवा कुंवारे थे। इस लिए यहां के लोग बारात में दूल्हे को लेकर नहीं जाते। अगर गलती से भी दूल्हा बारात लेकर जाता है तो उसकी मौत हो जाती है। भरमादेव के प्रकोप से बचने के लिए दूल्हे की बहन बारात लेकर जाती है और दुल्हन के साथ पहले सात फेरे वह लेती है। वहीं गांव वालों का कहना है कि कुछ साल पहले यहां तीन युवक अपनी बारात लेकर गए थे। जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। लोग इसे भरमादेव का प्रकोप ही कहते हैं और इससे बाद से कभी किसी युवक ने अपनी बारात नहीं निकाली है।

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