महिला को एयरपोर्ट पर होना पड़ा शर्मिंदा, एयरलाइन के कर्मचारियों ने कर दी ऐसी हरकत, अब कोर्ट ने दिए ये आदेश
Airline company made woman feel fat:
नई दिल्ली। Airline company made woman feel fat: दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने शरीर के मोटापे और भापी वजन से परेशान हैं। कई जगहों पर उन्हें इसी वजह से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक महिला के साथ एयरलाइन कंपनी ने किया जिसे कोर्ट ने सजा सुनाई है।
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एयरलाइन ने पहुंचाया ठेस
दरअसल, 38 साल की ब्राजीलियन इंफ्लूएंसर जूलियाना नेहमे अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने लेबनन गई हुई थीं। जाते वक्त जूलियाना ने एयर फ्रांस एयरलाइन को चुना था, जिससे उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई पर लौटते वक्त कतर एयरलाइन ने उनका अपमान कर दिया जिससे उन्हें काफी ठेस पहुंची। बता दें कि 22 नवंबर को उन्हें बेरूट से दोहा आना था जहां से ब्राजील लौटने की उनकी फ्लाइट थी। जब वो अपनी फ्लाइट पकड़ने के लिए पहुंचीं तो एयरलाइन कर्मचारियों ने उन्हें फ्लाइट में बोर्ड करने से रोक दिया। उसका कारण यह था कि उनका वजन और शरीर की चौड़ाई इतनी ज्यादा थी कि वह इकोनॉमी कोच की सीट में नहीं फिट हो पातीं।
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मुझे लगा कि मैं कोई मोटी विशाल राक्षस हूं – जूलियाना
जब कर्मियों ने उन्हें रोका को जूलियाना ने अपने टिकट की कीमत यानी 82 हजार रुपये उनसे वापिस मांगे। जिसके बाद उन्होंने रुपये चुकाने से मना कर दिया और साथ ही 2 लाख रुपये ज्यादा लेकर उनको क्लास को अपग्रेड करने का ऑफर दिया। इस बात को सुनकर जूलियाना को बहुत दुख हुआ। उन्हें ऐसा लगा कि एयरलाइन कंपनी उन्हें मोटे होने की सजा दे रही है। उन्होंने कहा- “मुझे ऐसा फील हुआ जैसे कि मैं इंसान नहीं हूं, कोई मोटी विशाल राक्षस हूं जो हवाईजहाज में यात्रा नहीं कर सकती। यह बहुत दुख की बात है, इमैजिन करिए कि आपको ऐसी घटना से गुजरना पड़े तो कैसा लगेगा! आज भी मैं जब घटना को याद करती हूं तो मुझे दुख होता है। मैंने अपनी मां से भी माफी मांगी क्योंकि मेरी वजह से वो घर नहीं जा पाईं।”
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कोर्ट ने कंपनी को दिया आदेश
कतर एयरलाइन ने साफ किया था कि महिला का व्यवहार कर्मियों की तरफ ठीक नहीं था, इसलिए उसे रोका गया। इस घटना से आहत होकर उन्होंने ब्राजील में इस मामले के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। कोर्ट ने कंपनी को दोषी पाया और उन्हें ऑर्डर दिया है कि अब जूलियाना को साइकोलॉजिस्ट से थेरापी लेनी पड़ेगी। बता दें कि साप्ताहिक थेरापी का खर्च 6 हजार रुपये है, यानी 1 साल के हिसाब से 3 लाख रुपये। ऐसे में कोर्ट ने कंपनी को आदेश दिया है कि वो इस थेरापी का पैसा जूलियाना को दे।

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