This is the strangest poor girls school in the world, here every girl

ये है दुनिया का सबसे अजीबो गरीब गर्ल्स स्कूल, यहां हर लड़की का है एक यूनिक नाम

This is the strangest poor girls school in the world, here every girl,ये है दुनिया का सबसे अजीबो गरीब गर्ल्स स्कूल

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : October 3, 2022/2:57 pm IST

भोपाल: यूनीक स्कूल का नाम सुनते ही हमारे मन में हैरी पॉटर के स्कूल की याद आ जाती है। लेकिन जिस स्कूल की बात हम करने वाले हैं यहां ना तो जादू सिखाया जाता है। ना ही उड़ना । लेकिन फिर भी पूरे विश्व में सबसे यूनीक स्कूल हैं, और खास बात ये है कि ये भारत में हैं।जी हां मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित गार्गी शासकीय आवासीय आदर्श कन्या संस्कृत विद्यालय है। दुनिया का एक मात्र ऐसा स्कूल है जहां विद्यालय में लड़कियों को उनके नाम की जगह यूनीक नामों से बुलाया जाता है। नौरात्रि के नौ दिनों में हम बखूबी माता रानी की पूजा अराधना करते हैं।

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कहते हैं कि महिलाएं शक्ति का स्वरुप होती हैं। जिसकी वजह से उनको कभी दुखी नही करना चाहिए। हम सब अपने घरों में अपनी मां बहनों और पत्नी का सम्मान तो करते हैं। और उन्हे नाम से भी बुलाते हैं । लेकिन क्या वजह है कि इस स्कूल में लड़कियों को उनके नाम से बुलाया नहीं जाता है। आपको बता दें कि इस विद्यालय में लड़कियों के सर नेम के साथ एक यूनीक वर्ड जो़ड़ दिया जाता है जिससे उनके सर नेम कोड नहीं हो पाते है। इस स्कूल में कोई भी टीचर या प्रिंसिपल छात्राओं को उनके नाम से नहीं बुलाते बल्कि उनके कोड नाम का उपयोग करके संबोधित करते हैं। इस स्कूल में 210 सीटे हैं। जो कि भोपाल के बरखेड़ी में स्थित हैं।

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शिक्षको ने बताई पूरी वजह

आपको बता दें कि यह स्कूल कई मामले में खास है। यहां पर संस्कृत के अलावा अंग्रेजी और अन्य कई विषयों के बारे में शानदार पढ़ाई देखने को मिलती है। शिक्षकों ने बताया कि दरअसल, स्कूल में सरनेम का इस्तेमाल नहीं करने के पीछे की वजह अध्यात्म से जुड़ा हुआ है। स्कूल का मानना है कि हरेक लड़की का व्यक्तित्व उसका अपना होता है पुराणों में लड़कियों को शक्ति स्वरूपा माना गया है और उनकी पूजा की जाती है। लड़कियां खुद में ही एक ऊर्जा होती हैं। जिस वजह से हम उनके नाम से उन्हे नही बुलाते हैं। स्कूल में जब एक नाम वाली दो लड़कियों का एडमिशन होता है, तो क्या किया जाता है। इस पर स्कूल ने बताया कि ऐसी स्थिति में दोनों लड़कियों को संस्कृत के किसी यूनिक नाम को दिया जाता है, जो अपने नाम के पीछे वह इस्तेमाल करती हैं।

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