पति की मौत के 10 दिन बाद करा दी जाती है पत्नी की दूसरी शादी, वजह है बेहद हैरान कर देने वाला
पति की मौत के 10 दिन बाद करा दी जाती है पत्नी की दूसरी शादी : Wife's second marriage is done after 10 days of husband's death
सदा सुहागन रहती यहां की महिलाएं! पति के मौत के बाद भी नहीं होती विधवा....
नई दिल्ली । भारत में विभिन्न धर्म संप्रदाय के लोग रहते है। जिनकी वेशभूषा और भाषा शैली औरों से बेहद अलग होती है। आज हम आपको एक ऐसे आदिवासी समाज के बारें में बताने जा रहे है। जहां कि महिलांए कभी भी विधवा नहीं होती। गोंड समाज ने महिलाओं को ध्यान में रखकर ऐसा नियम बनाया है। जिसके चलते इस समाज कि महिलाए सदा सुहागन रहती है।
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गोंड जनजाति को सरसरी तौर पर देखा जाए तो आपको इस समाज में एक भी विधवा नहीं मिलेगी। गोंड समाज की परंपरा ही कुछ ऐसी है कि पति की मौत के दसवें दिन ही महिला को दोबारा सुहागन बना दिया जाता है। उस महिला का विवाह घर के ही किसी पुरुष के साथ करा दिया जाता है। वह पुरुष उसका सगा देवर भी हो सकता है या फिर एक छोटा सा बालक भी महिला के साथ सात फेरे ले लेता है। गोंड समाज कि महिलाएं किसी भी हालत में विधवा नहीं रह सकती।
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गोंडों की लगभग 60 प्रतिशत आबादी मध्य प्रदेश में निवास करती है। शेष आबादी का अधिकांश भाग ‘संकलन’, आन्ध्र प्रदेश एवं उड़ीसा में बसा हुआ है। गोंड जनजाति के वर्तमान निवास स्थान मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के पठारी भाग, जिसमें छिंदवाड़ा, बेतूल, सिवानी और माडंला के ज़िले सम्मिलित हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें बस्तर ज़िला सम्मिलित है, आते हैं।
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