Chunavi Chaupal in Udaipura : सुविधाओं के लिए जूझ रहा इस कृषि प्रधान विधानसभा का किसान, कांग्रेस को वापसी करने से रोक सकती है बेरोजगारी समेत ये मुद्दें
Chunavi Chaupal in Udaipura MP : उदयपुरा विस सीट की आम जनता का कहना है कि वर्तमान में जो स्थानीय विधायक है उनकी सक्रियता कम हो गई है।
Chunavi Chaupal in Udaipura MP
Chunavi Chaupal in Udaipura MP : भोपाल। मध्यप्रदेश में विस चुनाव 2023 के अब मात्र 10 महीनों का ही समय बचा हुआ है लेकिन सियासी पारा अभी से चढ़ने लगा है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्तर पर तैयारियों की डोर संभाल ली है। अगर कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने सभी जिलों में सक्रियता का काम और उम्मीदवारों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। तो वहीं बीजेपी ने चुनाव से पहले ही विकास यात्रा का आगाज कर दिया है। जिन क्षेत्रों में बीजेपी का राज है वहां पर भाजपा अपनी विकास यात्रा के दौरान जनता का मिजाज और कई घोषणाएं करती नजर आ रही है। लेकिन देखा जाए तो बीजेपी की इस यात्रा में कही कहीं पर बीजेपी विधायकों का विरोध भी देखा जा रहा है।
Chunavi Chaupal in Udaipura MP : इस चुनावी साल में आईबीसी24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। हम अपने कार्यक्रम चुनावी चौपाल के जरिए आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे। हमारी टीम मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की उदयपुरा विधानसभा पहुंची और लोगों से वहां की समस्याओं और विधायक के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की।
Chunavi Chaupal in Udaipura MP : उदयपुरा मप्र की राजधानी भोपाल की एक महत्वपूर्ण सीट है। अगर इस सीट पर पिछले विस चुनाव 2018 पर नजर डाले तो उदयपुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के राम किशन पटेल और कांग्रेस के देवेंद्र सिंह के बीच मुख्य मुकाबला देखा गया था। उस समय इस सीट पर भाजपा का शासन था और विधायक राम किशन पटेल थे। लेकिन समय का चक्र ऐसा चला कि 2018 विस चुनाव में कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह ने बीजेपी का सत्ता विहीन कर दिया और विधायक राम किशन को हराकर गढ़ पर फतह हासिल की।
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अगर जाति की बात करें तो इस विस सीट पर ठाकुर और किराड़ जाति के लोगों की संख्या अच्छी खासी है। चुनाव में उम्मीदवारों की जीत का फैसला यही दो जाति करती हैं। 2008 में उदयपुरा को बरेली नाम से जाना जाता था। परिसीमन के बाद इस सीट का नाम उदयपुरा हो गया। यहां पर कुल 2 लाख 30 हजार 330 मतदाता हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा है।
यह इलाका कृषि प्रधान है। इसके बावजूद ये विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। किसानों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलती हैं। बेरोजगारी के कारण यहां के युवा दूसरे शहरों में जाने के लिए मजबूर हैं। यहां पर टमाटर की बंपर पैदावर होती है। शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में भी यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है।
2013 में क्या थी दोनों पार्टियों की स्थिति
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं। 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है। 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं।
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किसके सिर होगा 2023 का ताज, उम्मीदवार के लिए जनता का मिजाज
उदयपुरा विस सीट की आम जनता का कहना है कि वर्तमान में जो स्थानीय विधायक है उनकी सक्रियता कम हो गई है। अगर मुद्दों की बात करें तो यहां पर रोजगार, शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य सेवाएं जैसे अनेक मुद्दे कायम है। यहां के लोगों का कहना है कि अभी तक स्थानीय विधायक द्वारा कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जिससे उनकी सक्रियता बनी रहे। लोगों का कहना है कि अभी भी यहां पर भ्रष्टाचार ने लोगों का परेशान करके रखा है तो वहीं दूसरी ओर महंगाई ने जनता की कमर तोड़कर रख दी है। लोगों का कहना है कि महंगाई को कम किया जाए और साथ ही जनता की तमाम समस्याओं का निराकरण हो।

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