Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : नई दिल्ली। हिमाचल और गुजरात के नजीजों के लिए बस कुछ ही देर बाकी है। सभी उम्मीदवारों के लिए यह रात जागने वाली रात होगी। परिणाम का समय सिर पर हो तो नींद किसे आती है। सभी ने अपनी घडी की देखना शुरू कर दिया है। एग्जिट पोल में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। हालांकि, कुछ चैनल भाजपा को बढ़त भी दिखा रहे हैं। अभी तक जो सर्वे जारी किए गए हैं, उनके अनुसार हिमाचल में मुकाबला सबसे रोचक होने वाला है।
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Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : एग्जिट पोल के बाद राजनीतिक गलियारों में फिर से किसकी सरकार बनेगी इसके समीकरण भिड़ाए जाने लगे। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की धुकधुकी बढ़ गई है। कड़े मुकाबले के बीच तय होगा कि राज्य में पांच साल के शासन के बाद भाजपा सरकार बदलने के रिवाज को बदलेगी या फिर कांग्रेस राज बदलकर सत्ता में लौटेगी। अब 48 घंटों में तय हो जाएगा कि इस बार किसकी सरकार बनेगी। ऐसे में जो समीकरण बन रहे हैं, उसके आधार की बात करें तो भाजपा 32 सीटों से भी सरकार बनाने का माद्दा रख रही है, जबकि कांग्रेस 40 सीटों से पहले खुद को सहज नहीं मान रही।
Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : अगर हिमाचल प्रदेश के एक्जिट पोल की बात करें तो प्रदेश में 68 विस सीटों पर मतदान हुआ है। तो देखा जा रहा है कि बीजेपी को 24 से 34 के बीच सीटें मिल सकती है। तो वहीं कांग्रेस को 30 से 40 के बीच सीट मिलने का अनुमान है। और निर्दलीय के खाते में 4 से 8 तक सीट जा सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने गुजरात में जितना जोर दिखाया है उतना जोर हिमाचल में नहीं देखने को मिला। सर्द हवाओं ने ‘आप’ के संजोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का मुख हिमाचल प्रदेश की ओर मोडा ही नहीं। जिसके ‘आप’ का खाता ही नहीं खुलने का अनुमान देखा जा रहा है।
Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : हिमाचल में मुख्यमंत्री को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। CM पद पर होलीलॉज की दावेदारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रतिभा सिंह ने कहा कि हाईकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। इससे पहले विधायकों की भी राय ली जाएगी।
उन्हें लगता है कि आने वाले दिनों में चुनाव जीतकर आने वाले सभी कैंडिडेट भी इसी बात को रखेंगे। इस बात को पार्टी हाईकमान के समक्ष रखेंगे। हाईकमान भी इन बातों को गहराई से देखेगी और यह तय करेगी कि किस चेहरे को आगे लाना है।
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उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह भी पहले दो बार जब सांसद थे, तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया है। इस बार भी यदि हाईकमान इस बात को महत्व देती है, तो होलीलॉज जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के योगदान को देखते हुए ही सोनिया गांधी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। उन्होंने भी सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर प्रत्याशियों की मजबूती के लिए काम किया है।
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