रायगढ़ में बीजेपी ने साधा ऐसा समीकरण, 50 फीसदी महिलाओं को टिकट, जातियों का भी रखा खास ध्यान
raigarh assembly election 2023: टिकट वितरण के दौरान जहां महिला आरक्षण को ध्यान में रखते हुए 8 में से 4 सीटों पर महिला प्रत्याशी को मौका दिया गया है, तो वहीं जातिगत समीकरण को भी ध्यान में रखते हुए टिकट वितरण किया गया है।
Raigarh Assembly Election 2023: रायगढ़। रायगढ़ लोकसभा सीट के 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने इस बार बड़े ही सधे हुए तरीके से टिकट वितरण किया है। टिकट वितरण के दौरान जहां महिला आरक्षण को ध्यान में रखते हुए 8 में से 4 सीटों पर महिला प्रत्याशी को मौका दिया गया है, तो वहीं जातिगत समीकरण को भी ध्यान में रखते हुए टिकट वितरण किया गया है। ऐसे में सभी सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है।
50 फीसदी महिलाओं को टिकट
रायगढ़ लोकसभा सीट की आठ सीटों के लिए भाजपा ने इस बार बड़े हुए सधे हुए तरीके से टिकट वितरण किया है। अगर सीटों पर ध्यान दें, तो आठ सीटों में से चार पर महिला प्रत्याशी उतारा गया है। बात करें सारंगढ सीट की तो इस सीट पर भाजपा की ओर से शिवकुमारी चौहान प्रत्याशी बनाई गई हैं। जिले की लैलूंगा विधानसभा सीट पर सुनीति सत्यानंद राठिया, पत्थलगांव सीट पर सांसद गोमती साय और जशपुर सीट से रायमुनि भगत को प्रत्याशी बनाया गया है।
जातिगत समीकरणों को खास ध्यान
कमोबेश अगर जातिगत समीकरणों को ध्यान दें तो साहू समाज की अधिकता वाले खरसिया विधानसभा में साहू समाज के महेश साहू, धरमजयगढ़ सीट से राठिया समाज के हरीश चंद्र राठिया, अघरिया समाज की बाहुल्यता वाले रायगढ़ सीट पर ओपी चौधरी और लैलूंगा सीट पर कंवर समाज की सुनीति राठिया को चुनावी मैदान में उतारा गया है। भाजपा का ये टिकट वितरण चुनावी रणनीति के तहत काफी सधा हुआ माना जा रहा है, जिससे कहीं न कहीं कांग्रेस को बड़ी चुनौती मिलने वाली है।
सबका साथ सबका विकास का फॉर्मूला लागू
भाजपा भी इस बात को स्वीकार करती है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष आलोक सिंह का कहना है कि सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर भाजपा ने हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। पार्टी ने सामाजिक ताने बाने के साथ साथ जिताऊ प्रत्याशी को मौका दिया है। महिला केंडीडेट को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है। लिहाजा नतीजे बेहद अच्छे आने वाले हैं।
कॉग्रेस की भी पैनी नजर
इधर कांग्रेस भी इस बात को स्वीकार कर रही है कि भाजपा के टिकट वितरण में सामाजिक जातिगत समीकरण नजर आ रहा है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि संगठन टिकट वितरण को लेकर बेहद संजीदा है। लिहाजा हर बिंदु पर लगातार मंथन हो रहा है। यही वजह से कि टिकट वितरण में देरी भी हो रही है। कांग्रेस जातिगत सामाजिक समीकरणों के साथ साथ जीतने वाले चेहरे को टिकट देगा। कांग्रेस की सूची में संतुलन नजर आएगा।

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