IBC24 Bemisal Bastar: 'विकास' ने पकड़ी रफ्तार, नक्सलगढ़ की बदली पहचान... अबूझमाड़ तक पहुंची जल जीवन मिशन योजना |IBC24 Bemisal Bastar

IBC24 Bemisal Bastar: ‘विकास’ ने पकड़ी रफ्तार, नक्सलगढ़ की बदली पहचान… अबूझमाड़ तक पहुंची जल जीवन मिशन योजना

IBC24 Bemisal Bastar: 'विकास' ने पकड़ी रफ्तार, नक्सलगढ़ की बदली पहचान... अबूझमाड़ तक पहुंची जल जीवन मिशन योजना

Edited By :   Modified Date:  January 28, 2024 / 07:23 PM IST, Published Date : January 28, 2024/7:23 pm IST

रायपुर। IBC24 Bemisal Bastar: वैसे तो धरती को स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’

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अनबुझे अबूझमाड़ को नक्सलियों की राजधानी भी कहा जाता है। आजादी के द्शकों बाद भी यहां के आदिवासियों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने में सरकारें नाकाम रहीं। लेकिन, अब अबूझमाड़ की अबूझ पहेली को सुलझाया जा रहा है। कभी झिरिया का पानी पीकर प्यास बुझाने वाले ग्रामीणों के लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा ही है कि आज जल जीवन मिशन योजना के तहत उनके घर तक शुद्ध पेय जल पहुंच रहा है। कई गांवों तक इस काम को पूरा कर लिया गया तो कई गांवों तक काम आखिरी चरण में हैं और ये सब संभव हो पाया है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कोशिशों के कारण।

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IBC24 Bemisal Bastar: दरअसल, नारायणपुर जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर कुंदला पंचायत के आश्रित गांव मुर्हापदर के ग्रामीण कभी झिरिया का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाया करते थे। दूषित जल का पेय करने पर उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पढ़ता था और इस दूषित पानी के लिए नदी नालो में पैदल चल कर जाना पड़ता था। लेकिन, अब 24 घंटे शुद्ध पेय जल घर बैठे ही मिल रहा है।

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