Cancellation of teachers’ leave: पटना, 4 सितंबर । बिहार में शिक्षा विभाग ने विद्यालयों के लिए छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को एक सप्ताह से भी कम समय में सोमवार को वापस लिया। संशोधित कैलेंडर में दिवाली, दुर्गा पूजा और छठ पूजा की छुट्टियों में कटौती की गयी थी जिसे लेकर सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी।
शिक्षा विभाग के विद्यालयों के लिए छुट्टियों के इस संशोधित कैलेंडर में त्योहारी छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी गई थी। बिहार में कई शिक्षक संघों ने अवकाश रद्द किए जाने सहित शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के खिलाफ पांच सितंबर से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।
छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को वापस लेने के बाद भी शिक्षक संघों ने सोमवार को कहा कि पांच सितंबर से आंदोलन का उनका आह्वान अब भी कायम है।
टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक राजू सिंह ने सरकार द्वारा संशोधित कैलेंडर को वापस लेने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शिक्षा विभाग द्वारा हाल में लिए गए कई निर्णयों के खिलाफ पांच सितंबर से आंदोलन शुरू करने का हमारा आह्वान अब भी कायम है। छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को वापस लेना हमारी कई मांगों में से एक था। हम कई शिक्षकों के खिलाफ निलंबन सहित सभी विभागीय कार्रवाइयों को तत्काल वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं। हम उन शिक्षकों को भी नियमित करने की मांग कर रहे हैं जो संविदा पर काम कर रहे हैं।’’
शिक्षा विभाग ने सोमवार शाम जारी एक परिपत्र में कहा, ‘‘विभाग छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को तत्काल प्रभाव से वापस लेता है, इसलिए छुट्टियों का पुराना कैलेंडर प्रभावी रहेगा।’’
राजू ने कहा, ‘‘लगभग 15 शिक्षक संघों ने सर्वसम्मति से विभाग के हालिया फैसलों के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया है। राज्य के 75,309 सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षक पांच सितंबर (शिक्षक दिवस पर) को विरोध स्वरूप काले रिबन बांधेंगे। वे पांच सितंबर को पूरे दिन अपने स्कूलों में सभी शैक्षणिक गतिविधियों में काला रिबन बांधकर भाग लेंगे। इसके अलावा शिक्षक नौ सितंबर को राज्य भर में प्रखंड कार्यालयों के बाहर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पुतले जलाएंगे।’’’’
शिक्षक संघ बिहार के अध्यक्ष केशव कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विभाग के हालिया कदमों के खिलाफ विरोध शुरू करने का निर्णय हाल ही में 15 शिक्षक संघों के पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया।
केशव ने कहा, ‘‘हम (शिक्षक) साल में 252 दिन काम करते हैं जबकि शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य केवल 220 दिनों का है। हकीकत जानने के बावजूद विभाग ने शिक्षकों की छुट्टियां कम कर दीं। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। वहीं जिन शिक्षकों ने विभाग के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें निलंबित कर दिया गया या स्पष्टीकरण मांगा गया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक जो लगभग हर दिन आदेश जारी कर रहे हैं, वास्तविकता नहीं जानते हैं।’’