बिहार ने 20 साल में विकास के क्षेत्र में नया आयाम हासिल किया : नित्यानंद राय

बिहार ने 20 साल में विकास के क्षेत्र में नया आयाम हासिल किया : नित्यानंद राय

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  • Publish Date - September 8, 2025 / 10:07 PM IST,
    Updated On - September 8, 2025 / 10:07 PM IST

पटना, आठ सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार ने 20 साल में विकास के क्षेत्र में नया आयाम हासिल किया और राजद नेता को इस विकास और अराजकता में फर्क समझ नहीं आता।

बिहार में विपक्ष के नेता यादव ने राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से कार्यों का लेखा-जोखा मांगा था, जिस पर पलटवार करते हुए राय ने कहा कि अगर यादव को विकास और अराजकता में फर्क समझ में आता तो वह बिहार में हुए पिछले 20 वर्षों के विकास पर सवाल नहीं खड़े करते।

राय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि तेजस्वी यादव को शायद मालूम नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की राजग सरकार ने पिछले 10 वर्षों में बिहार के विकास और तरक्की के लिए 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई है।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बताएं कि उनके पिताजी के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशल गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2004 से 2014 के बीच बिहार को कितना धन दिया।

राय ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में नरेन्द्र मोदी और पिछले 20 वर्षों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास के नए-नए आयाम स्थापित किए हैं।

उन्होंने लालू-राबड़ी शासनकाल पर हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों ने बिहार को जंगलराज दिया, वे आज विकास की बात कर रहे हैं। बेरोजगारी और युवाओं का पलायन उसी दौर की उपज है, जब रोजगार के नाम पर अपराध और अराजकता थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजग सरकार ने पिछले पांच वर्षों में 50 लाख युवाओं को रोजगार दिया है और अगले पांच साल में एक करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है।

उन्होंने यह भी बताया कि 2005 में जहां युवाओं का पलायन 11 प्रतिशत था, वहीं 2025 में घटकर मात्र दो प्रतिशत रह गया है। बिहार के बाहर रहने वाले 57 लाख लोगों में से पांच लाख छात्र शिक्षा के लिए बाहर गए हैं।

राय ने दावा किया कि यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार में पलायन घट रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। लेकिन यह सच्चाई तेजस्वी यादव को दिखाई नहीं देती।

कैलाश भाषा सुरभि

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