मनरेगा समेत अल्पसंख्यकों और गरीबों की योजनाएं बंद करना चाहती है मोदी सरकार: कांग्रेस

मनरेगा समेत अल्पसंख्यकों और गरीबों की योजनाएं बंद करना चाहती है मोदी सरकार: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 05:22 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 05:22 PM IST

पटना, 22 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन राजेंद्र पाल गौतम ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को बंद करने की साजिश के तहत राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को समाप्त करना चाहती है।

गौतम, यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब संविधान का निर्माण हो रहा था, तब प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाना चाहते थे लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों के कारण यह संभव नहीं हो सका। कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सौ दिन के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनरेगा को लागू किया ताकि गांवों में ही लोगों को काम मिले और कोई भूखा न रहे।

उन्होंने कहा कि योजना के तहत बजट का 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करती थी और ग्राम सभाओं को गांवों की जरूरत के अनुसार कार्य तय करने का पूर्ण अधिकार दिया गया था।

गौतम ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार मनरेगा को पूरी तरह खत्म करने पर आमादा है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं, मजदूरों और युवाओं के साथ इस सरकार ने हर स्तर पर छल किया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का दिखावा करते हुए सरकार ने सौ दिन के बजाय 125 दिन के रोजगार का प्रावधान तो दिखाया लेकिन पंचायती राज संस्थाओं से अधिकार छीन लिए और रोजगार की गारंटी को कमजोर कर दिया।

उन्होंने कहा कि साथ ही, कार्य निर्धारण का अधिकार केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है।

गौतम ने कहा कि पहले से आर्थिक दबाव झेल रही राज्य सरकारों पर 40 प्रतिशत तक का अतिरिक्त बोझ डालकर केंद्र सरकार मनरेगा को बंद करने की योजना बना रही है, क्योंकि इतनी बड़ी हिस्सेदारी वहन करना किसी भी राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के सार्वजनिक उपक्रमों को या तो बेच रही है या पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख रही है।

कांग्रेस नेता ने योजनाओं के नाम बदलने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह सरकार नई योजनाएं लाने के बजाय केवल पुरानी योजनाओं के नाम बदलने का काम कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य लगातार गिर रहा है लेकिन केंद्र सरकार इस पर मौन है।

गौतम ने कहा कि मौजूदा सरकार ने महिलाओं, विद्यार्थियों, अल्पसंख्यकों और युवाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी हैं।

भाषा कैलाश जितेंद्र

जितेंद्र