बीएसएफ के शहीद उपनिरीक्षक का पार्थिव शरीर पटना लाया गया, बेटे ने कहा पिता पर गर्व है

बीएसएफ के शहीद उपनिरीक्षक का पार्थिव शरीर पटना लाया गया, बेटे ने कहा पिता पर गर्व है

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  • Publish Date - May 12, 2025 / 04:54 PM IST,
    Updated On - May 12, 2025 / 04:54 PM IST

(तस्वीरों सहित)

पटना, 12 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर में आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलीबारी के दौरान शहीद हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उपनिरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सोमवार को पटना लाया गया। इस दौरान शहीद के बेटे इमरान रजा हवाई अड्डे पर चुपचाप खड़े रहे।

उपनिरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात थे।

इमरान रजा ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे अपने पिता पर गर्व है और मैं उन सभी को सलाम करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता बहुत मजबूत व्यक्ति थे। मैंने उनसे आखिरी बार 10 मई (शनिवार) को सुबह साढ़े पांच बजे बात की थी। उनके दाहिने पैर में चोट लगी थी। घायल होने के बाद उपनिरीक्षक इम्तियाज उसी शाम शहीद हो गए थे।

सुरक्षाकर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर एवं हवाई अड्डे पर पुष्पांजलि अर्पित किए जाने के बाद इम्तियाज के पार्थिव शरीर को सारण जिले के नारायणपुर गांव स्थित उनके घर ले जाया गया।

पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इम्तियाज का पार्थिव शरीर लेने के लिए बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, कई मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हवाई अड्डे पर मौजूद रहे।

इमरान ने भारत में आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को उचित सबक सिखाए जाने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को उचित सबक सिखाना चाहिए। हमारी सरकार को ऐसा करारा जवाब देना चाहिए कि किसी बेटे को कभी अपने पिता को न खोना पड़े।’’

हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए यादव ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए इम्तियाज शहीद हो गए। उनके जैसे बहादुर लोगों की वजह से ही आज हम सुरक्षित हैं। देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।’’

राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘‘मोहम्मद इम्तियाज का बलिदान व्यर्थ नहीं गया… हमारे बहादुर सैनिकों ने उनके बलिदान का बदला ले लिया है।’’

भाषा यासिर रंजन

रंजन