‘निर्वाचन आयोग स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, सरकारी शाखा नहीं’: चिराग

'निर्वाचन आयोग स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, सरकारी शाखा नहीं': चिराग

‘निर्वाचन आयोग स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, सरकारी शाखा नहीं’: चिराग
Modified Date: August 15, 2025 / 03:58 pm IST
Published Date: August 15, 2025 3:58 pm IST

पटना, 15 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शुक्रवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद की कार्यवाही को ‘बाधित’ करने के लिए कांग्रेस नीत विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से शुरू की जा रही 15 दिवसीय यात्रा का उद्देश्य ‘भय फैलाना’ है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने के बाद अपनी पार्टी के कार्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

बिहार के हाजीपुर से सांसद चिराग ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष के रुख से हैरान हूं, जो निर्वाचन आयोग द्वारा की गई प्रक्रिया पर चर्चा पर ज़ोर दे रहा है, जो एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, न कि सरकार का एक अंग।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से मेरा बस एक ही सवाल है। उन्हें बताना चाहिए कि उनके अनुसार कौन सा विभाग चुनाव से जुड़े मुद्दे पर बयान देने के लिए सक्षम है। अगर एसआईआर पर चर्चा हो तो सरकार की ओर से कौन सा मंत्री उचित रूप से जवाब देगा। अगर वे जवाब देते हैं, तो मैं खुद अपनी सरकार से चर्चा के लिए सहमत होने का आग्रह करूंगा।’’

पासवान ने आरोप लगाया कि 17 अगस्त को सासाराम में गांधी द्वारा शुरू की जाने वाली ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ का उद्देश्य ‘लोगों में भय फैलाना और उन्हें गुमराह करना’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह विपक्ष की पुरानी चाल रही है। जब सीएए लाया गया था, तब उन्होंने बहुत हंगामा मचाया था। यह कानून, जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण पड़ोसी देशों से भागे लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है, काफी समय से लागू है। भारत में रहने वाले एक भी मुसलमान को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल लोकसभा चुनावों में, विपक्ष ने एक बार फिर अफवाह फैलाई और आरोप लगाया कि अपने लगातार तीसरे कार्यकाल में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान बदलने और वंचित वर्गों के लिए आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।’’

पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में सही कहा कि विपक्ष हमारे विदेशी विरोधियों की भाषा बोल रहा है, ‘जो हमें एक मृत अर्थव्यवस्था कहकर हमारी उपलब्धियों को कमज़ोर करने पर तुले हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘वह भी ऐसे समय में जब हम आत्मविश्वास के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यही वह भावना थी जिसने ऑपरेशन सिंदूर में हमारी शानदार सफलता सुनिश्चित की।’’

गौरतलब है कि ‘‘मृत अर्थव्यवस्था’’ का तंज हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था, जो दावा करते रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ सैन्य गतिरोध उनके ‘‘हस्तक्षेप’’ के बाद रुका था।

पासवान ने यह भी कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने कभी नहीं कहा था कि अगर एसआईआर के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में लोगों के नाम गलत तरीके से हटा दिए गए हैं, तो वह सुधारात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। यह विपक्षी दलों की विफलता है कि उनके बूथ-स्तरीय एजेंट दावे और आपत्तियां पेश नहीं कर पाए हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह प्रक्रिया बहुत ज़रूरी थी। एक व्यक्ति का नाम एक से ज़्यादा जगहों पर दिखाई देने के कई उदाहरण सामने आए हैं। मतदाता सूची में संशोधन किए बिना इसे कैसे ठीक किया जा सकता था।’’

भाषा रंजन रंजन नरेश

नरेश


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