पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार द्वारा लागू किये पूर्ण शराबबंदी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुये केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को दावा किया कि प्रदेश में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी और यहां तक कि जज भी शराब का सेवन कर रहे हैं। (Jitan Ram Manjhi raised questions on liquor ban in Bihar) प्रदेश में लागू शराबबंदी पर उनकी ओर से प्रश्न उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके मांझी ने सोमवार को जमुई में पत्रकारों से कहा कि वह शराबबंदी को लेकर सरकार पर निशाना नहीं साध रहे हैं बल्कि सुझाव दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम नीतीश कुमार के मित्र, उनके साथी हैं, इसलिए कहना चाहते हैं कि जो बात गलत है, उसका परिमार्जन कीजिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कहने पर तीन-तीन बार परिमार्जन (प्रदेश के शराब कानून में संशोधन) किया, उसके लिए धन्यवाद है, लेकिन पूर्ण परिमार्जन नहीं किया गया।’’
मांझी ने कहा, ‘‘मैने कहा था कि शराब नहीं पीने वाले को नहीं पकड़ा जाएगा, लेकिन आज क्या हो रहा है, उनको भी पकड़ रहे हैं।’’ नीतीश कुमार के कभी विश्वासपात्र रह चुके मांझी ने कहा, ‘‘इसका परिमार्जन करना होगा। जहां महात्मा गांधी पैदा (गुजरात) हुए थे, आज वहां भी शराबबंदी है, तो वहां ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। (Jitan Ram Manjhi raised questions on liquor ban in Bihar) सिर्फ बिहार में ऐसा क्यों हो रहा है। कहीं ना कहीं सरकारी तंत्र की विफलता है।’’ केंद्रीय मंत्री ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि शराबबंदी के बावजूद प्रदेश में दारोगा, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी एवं न्यायाधीश सबके लिये शराब उपलब्ध रहती है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘कुछ लोग ऐसे हैं जो इसमें काफी हाथ साफ कर रहे हैं। हम इसी बात का विरोध करते हैं और दूसरी ओर बड़े-बड़े तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं। थाने में दारोगा, एसपी (पुलिस अधीक्षक), जज (न्ययाधीश) और कलेक्टर (जिलाधिकरी) सब पीते हैं, रात में। उनलोगों को कोई ब्रेद एनेलाइजर नहीं लगाता है। लगाता है, एक मजदूर को। यह सब हम कहेंगे तो लोग हमको गालियां देंगे।’’ हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक मांझी के बेटे संतोष सुमन, नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री हैं।