Bihar News: मोदी सरकार ने बिहार को दिया एक और तोहफा, इस सड़क का 4-लेन में होगा उन्नयन, इतने लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

मोदी सरकार ने बिहार को दिया एक और तोहफा, Modi government gives another gift to Bihar, this road will be upgraded to 4-lane

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  • Publish Date - September 24, 2025 / 06:46 PM IST,
    Updated On - September 25, 2025 / 12:23 AM IST

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज बिहार में एनएच-139डब्ल्यू के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड को 4-लेन का बनाने के प्रस्ताव को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर मंजूरी दी। इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर है और इसमें कुल 3,822.31 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस प्रस्तावित चार-लेन ग्रीनफील्ड परियोजना का उद्देश्य राज्य की राजधानी पटना और बेतिया के बीच संपर्क को बेहतर बनाना है। इससे उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले, भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों तक जुड़ जाएंगे। यह परियोजना लंबी दूरी के माल परिवहन को बढ़ावा देगी, प्रमुख बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार लाएगी और कृषि व औद्योगिक क्षेत्रों और सीमा पार व्यापार मार्गों से संपर्क में सुधार करके क्षेत्रीय आर्थिक विकास को सुगम बनाएगी।

यह परियोजना सात पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, छह सामाजिक नोड्स, आठ लॉजिस्टिक नोड्स, नौ प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्रों को जोड़ेगी जिससे केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज), सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज), जैन मंदिर और विश्व शांति स्तूप (वैशाली) और महावीर मंदिर (पटना) सहित प्रमुख विरासत और बौद्ध पर्यटन स्थलों तक पहुंच में सुधार होगा। इससे बिहार के बौद्ध सर्किट और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन क्षमता को मजबूती मिलेगी। एनएच-139डब्ल्यू की योजना वैकल्पिक मार्गों को उच्च गति कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह एनएच-31, एनएच-722, एनएच-727, एनएच-27 और एनएच-227ए के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में काम करेगा।

सृजित होंगे रोजगार के नए अवसर

यह 100 किमी/घंटा की डिजाइन गति के लिए बनाया गया है, लेकिन वाहनों के लिए 80 किमी/घंटा की औसत गति से चलने की क्षमता रखता है। इससे साहेबगंज और बेतिया के बीच कुल यात्रा समय, मौजूदा विकल्पों की तुलना में 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटा रह जाएगा। साथ ही यात्री और मालवाहक वाहनों के लिए सुरक्षित, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी भी मिलेगी। 78.94 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित परियोजना से लगभग 14.22 लाख मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और इस परियोजना से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

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