पटना, 25 मार्च (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से ‘जल्दबाज़ी’ में अयोग्य घोषित किये जाने में ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने का शनिवार को आरोप लगाया।
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई का मामला ‘‘राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल’ का एक उदाहरण है।
ललन मानहानि के गांधी को मानहानि के एक मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
ललन ने कहा, ‘‘किसी मामले में दोष सिद्ध होने पर संसद और विधान मंडल के सदस्यता से अयोग्यता में एक उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग से एक अधिसूचना होनी चाहिए जिस पर लोकसभा अध्यक्ष को राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के बाद कार्य करना चाहिए। जाहिर है, इसमें थोड़ा समय लगता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी के मामले में, हालांकि अदालत के आदेश के 24 घंटे से भी कम समय में (लोकसभा की सदस्यता से) अयोग्य घोषित का आदेश दिया गया। इस हड़बड़ी से पता चलता है कि केंद्र की सरकार ने प्रकरण में सक्रिय भूमिका निभायी है।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी ललन ने कहा,‘‘इससे सत्तारूढ़ दल की बौखलाहट और हताशा का पता चलता है। हालांकि देश के लोग काफी समझदार हैं और उचित समय उनका (भाजपा का) हिसाब कर दिया जाएगा।’’
नौकरी के बदले जमीन संबंधी कथित घोटाले में पूछताछ के लिए दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए तेजस्वी यादव के बारे में पूछे जाने पर ललन ने कहा, ‘‘राजनीतिक उद्देश्यों के लिए केंद्र द्वारा अपनी एजेंसियों के इस्तेमाल का यह एक और उदाहरण है।’’
जद (यू) प्रमुख ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि अनियमितताएं 2008 में हुई थीं। भले ही कोई उनके इस सिद्धांत को स्वीकार कर ले कि 2014 तक संप्रग सत्ता में था और उसे राजद का समर्थन प्राप्त था इसलिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई, इन लोगों (राजग) को इतने वर्षों तक ऐसा करने से किस चीज ने रोका था।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह महज संयोग नहीं है कि बिहार में भाजपा के सत्ता से हटने और राजद के साथ हमारे गठबंधन के बाद तेजस्वी यादव के खिलाफ मामला फिर से सामने आया है। मैं यह भी कहूंगा कि इस मामले में भी लोग केंद्र में सत्तारूढ़ लोगों का हिसाब करेंगे।’’
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को पुराने सहयोगी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ‘श्राप’ दिया था।
लोकसभा में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक रूप से अध्यादेश को फाड़ने की वह प्रसिद्ध घटना याद है? अध्यादेश यह सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था कि प्रसाद, जिनकी चारा घोटाले में दोषसिद्धि लगभग निश्चित हो गई थी, लोकसभा की अपनी सदस्यता नहीं खोयें और भविष्य में चुनाव लड़ने से वंचित नहीं हों।’’
उन्होंने शरारतपूर्ण लहजे में कहा, ‘‘लालू प्रसाद ने तब राहुल गांधी को श्राप दिया था कि आपका भी वही हश्र होगा जो मेरा हुआ है।’’
भाषा अमित पवनेश
पवनेश
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