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Nitish kumar : जहरीली शराब मामले में नीतीश कुमार बोले- ‘जो पिएगा वो मरेगा’, 45 के पार हुई मृतकों की संख्या

Nitish kumar on poisonous liquor issue in bihar: बिहार में जहरीली शराब पीने से 45 लोगों की मौत के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ...

Edited By :   Modified Date:  December 15, 2022 / 06:15 PM IST, Published Date : December 15, 2022/4:25 pm IST

पटना। Nitish kumar on poisonous liquor issue in bihar: बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘‘जो पिएगा वो मरेगा।’’ पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 45 हो गई। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने उस रुख पर कायम रहे कि शराबबंदी ‘‘ मेरी व्यक्तिगत इच्छा से लागू नहीं की गई, बल्कि राज्य की महिलाओं के अनुरोध पर इसे लागू किया गया।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘जो पिएगा वो मरेगा।’’

बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से गुरुवार को 10 और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 45 के पार गई है। इन सभी की मौत मंगलवार रात से गुरुवार दोपहर के बीच हुई है। विभिन्न अस्पतालों में अभी 20 से 25 लोग और भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। वहीं, छपरा शराबकांड की गाज अब पुलिसकर्मियों पर गिरने लगी है। मशरक के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है। इसी इलाके में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। मढौरा डीएसपी पर भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ भी सकता है। अस्पतालों में भर्ती पीड़ितों में से कुछ की हालत गंभीर है। जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोग इसुआपुर, अमनौर और मढौरा के रहने वाले थे।

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विधानसभा में भारी हंगामा

बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र जहरीली शराब से मौतों के वजह से हंगामे की भेंट चढ़ गया है। सदन में लगातार दूसरे दिन बीजेपी विधायकों ने वेल में उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट क छपरा के डीएम ने जहरीली शराब से मौतें होने के बाद मढौरा के डीएसपी पर विभागीय कार्रवाई और उनके ट्रांसफर की मांग की है। इस संबंध में डीएम ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर भेजा है।

विपक्षी दल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और शराबबंदी कानून के प्रावधानों की ‘‘समीक्षा’’ किए जाने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। चुनावी रणनीतिकार एवं कार्यकर्ता प्रशांत किशोर ने इस कानून को वापस लेने का अनुरोध किया है। शिवहर जिले में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘‘प्रतिबंध के कारण बिहार खिल्ली उड़ाये जाने का विषय बन गया है। कानून को किसी समीक्षा की जरूरत नहीं है, उसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। समय आ गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके साथ चार साल सत्ता में रही भाजपा और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सहित सभी राजनीतिक दल पाखंड छोड़ें और वोट की चिंता किए बिना फैसला करें।’’ गौरतलब है कि नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल 2016 से बिहार में शराब के उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

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Nitish kumar on poisonous liquor issue in bihar: राज्य की राजधानी में सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक समारोह के मौके पर नीतिश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस प्रतिबंध से समाज को काफी फायदा हुआ है। मुझे हैरानी है कि लोग इसके खिलाफ कैसे बोल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रतिबंध और जहरीली शराब पीने से हुई मौत को जोड़े जाने से आश्चर्यचकित हूं। जहां शराब पर प्रतिबंध नहीं होता वहां भी लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत होती है।’’ नीतीश कुमार के आज विधानसभा पहुंचने पर भाजपा के विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने बाद में सदन की कार्यवाही भी बाधित करने की कोशिश की। वे हाथ में पोस्टर लिए लगातार नारेबाजी करते दिखे। विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मार्शल से उनके हाथों से पोस्टर व तख्तियां लेने को कहा और भाजपा विधायकों की लगातार नारेबाजी के बीच कार्यवाही आगे बढ़ाई। इसके बाद अध्यक्ष पर ‘‘ सत्तारूढ़ दल का पक्ष लेने’’ का आरोप लगाते हुए भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया।