Bihar Chunav 2025: पूर्व मंत्री समेत 11 नेताओं को पार्टी से निकाला, चुनाव से पहले JDU का बड़ा एक्शन, सामने आई बड़ी वजह

Bihar Chunav 2025: पूर्व मंत्री समेत 11 नेताओं को पार्टी से निकाला, चुनाव से पहले JDU का बड़ा एक्शन, सामने आई बड़ी वजह

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  • Publish Date - October 26, 2025 / 08:10 AM IST,
    Updated On - October 26, 2025 / 08:10 AM IST

Bihar Chunav 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • JDU का बड़ा एक्शन
  • 11 नेताओं को पार्टी से बाहर किया
  • पूर्व मंत्री भी शामिल

पटना: Bihar News: सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई वरिष्ठ नेताओं को निष्कासित कर दिया है। पार्टी के प्रदेश महासचिव और मुख्यालय प्रभारी एस्टेब्लिशमेंट चंदन कुमार सिंह ने इसकी आधिकारिक घोषणा की।

Bihar Chunav 2025: सूत्रों के अनुसार इस सूची में पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, बड़हरिया से पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, बरहरा भोजपुर से पूर्व विधान परिषद रणविजय सिंह और बरबीघा से पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार शामिल हैं। इसके अलावा बेगूसराय के अमर कुमार सिंह, वैशाली से डॉक्टर आसमा परवीन, औरंगाबाद के नबीनगर से लव कुमार, कदवा कटिहार से आशा सुमन, मोतिहारी पूर्वी चंपारण से दिव्यांशु भारद्वाज और जीरादेई सिवान से विवेक शुक्ला को भी पार्टी से बाहर किया गया है।

Bihar Chunav 2025: सूत्रों ने बताया कि इन नेताओं में से कई को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था, जिससे नाराजगी बढ़ी और कुछ नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। जदयू की इस कार्रवाई से पार्टी के भीतर हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक इसे आगामी चुनाव से पहले पार्टी द्वारा उठाया गया कड़ा कदम मान रहे हैं जिससे संगठन में अनुशासन कायम रखने का संदेश भी गया है।

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JDU के "नेताओं के निष्कासन से संबंधित" मुख्य कारण क्या हैं?

👉 कई नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने और कुछ के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले को प्रमुख कारण माना जा रहा है।

JDU के "नेताओं के निष्कासन से संबंधित" कौन-कौन शामिल हैं?

👉 सूची में पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, संजय प्रसाद, श्याम बहादुर सिंह, रणविजय सिंह, सुदर्शन कुमार सहित अन्य 11 वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

JDU के "नेताओं के निष्कासन से संबंधित" राजनीतिक प्रभाव क्या है?

👉 पार्टी में हलचल तेज हुई है, लेकिन यह संगठन में अनुशासन बनाए रखने और आगामी चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने का संकेत माना जा रहा है।