Rohini Acharya: ‘मैं राजनीति छोड़ रही हूं’, चुनाव नतीजों के बाद लालू की बेटी ने लिया बड़ा फैसला, परिवार से भी तोड़ा नाता

Rohini Acharya: लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से भी दूरी बना रही हैं। रोहिणी ने कहा कि यह कदम उन्होंने संजय यादव और रमीज के दबाव में उठाया है

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  • Publish Date - November 15, 2025 / 04:19 PM IST,
    Updated On - November 15, 2025 / 09:59 PM IST

Rohini Acharya Latest Tweet/image source: rohini X handle

HIGHLIGHTS
  • रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का फैसला लिया
  • संजय यादव और रमीज के दबाव का जिक्र
  • पारिवारिक तनाव से पार्टी पर भी असर

Rohini Acharya Quit Politics: बिहार चुनाव नतीजों के बाद निराश हुई लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का फैसला ले लिया है। इसके सा​थ ही उन्होंने परिवार से नाता तोड़कर सभी को हैरत में डाल दिया है। उन्होंने संजय यादव और रमीज के दबाव का जिक्र किया, लेकिन जिम्मेदारी खुद ली। इस खुलासे ने आरजेडी के बीच नया विवाद खड़ा कर दिया है।

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से भी दूरी बना रही हैं। रोहिणी ने कहा कि यह कदम उन्होंने संजय यादव और रमीज के दबाव में उठाया है जबकि पूरा दोष वे स्वयं पर ले रही हैं। उनके बयान ने आरजेडी खेमे में हलचल मच गई है। चुनावी हार के बीच परिवारिक विवाद सामने आने से पार्टी और भी संकट में फंस सकती है।

यह परिवार का आंतरिक मामला : RJD

Rohini Acharya Quit Politics, इस मामले में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) का बयान भी सामने आ गया हैं। इसमें कहा गया कि यह परिवार का आंतरिक मामला है, इस पर बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी की तरफ से भी एक्‍स पर रिएक्‍शन दिया गया। उन्‍होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवार बनाम परिवार वाली भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। आरजेडी का अंदरूनी संकट अब खुलकर सामने आ गया है।’

आरजेडी सूत्रों के मुताबिक लालू–राबड़ी ने अब तक तेजस्वी पर संजय यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई का दबाव नहीं डाला और यही बात रोहिणी आचार्य के अचानक फट पड़ने की वजह बनी। पार्टी के अंदर इसे रोहिणी के भावनात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें परिवार से नाता तोड़ने का बयान माता-पिता को संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

पारिवारिक तनाव से पार्टी पर भी असर

रोहिणी ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया कि संजय यादव और रमीज के दबाव में उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा। यह बयान जितना भावनात्मक था उतना ही आरजेडी के भविष्य की दिशा को लेकर सवाल भी खड़ा करता है। इस चुनाव में आरजेडी पहले से ही कठिन परिस्थितियों में थी। 25 सीटों पर सिमट जाना सिर्फ राजनीतिक असफलता नहीं बल्कि संगठनात्मक कमजोरी, नेतृत्व की अस्पष्टता और परिवारिक खींचतान का नतीजा भी माना जा रहा है।

तेजस्वी यादव पूरे चुनाव प्रचार के दौरान चेहरा तो थे लेकिन नतीजों ने साफ कर दिया कि उनकी अपील सीमित हो गई है। दूसरी ओर लालू परिवार के भीतर चल रहे तनाव ने पार्टी की एकजुटता को कमजोर किया।कभी टिकट बंटवारे को लेकर तो कभी राजनीतिक रणनीति को लेकर यह विवाद नजर आया। रोहिणी आचार्य का तल्ख बयान इसकी परतें खोल रहा है।

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रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने की घोषणा क्यों की?

चुनाव नतीजों के बाद निराशा और आंतरिक दबाव का जिक्र करते हुए रोहिणी ने एक्स पोस्ट में कहा कि वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं। उन्होंने संजय यादव और रमीज के दबाव का हवाला दिया, हालांकि जिम्मेदारी खुद पर ली।

क्या रोहिणी ने परिवार से भी नाता तोड़ लिया है?

हाँ। अपने पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट लिखा कि वे अपने परिवार से दूरी बना रही हैं। इसे सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत भावनात्मक टूटन के रूप में देखा जा रहा है।

RJD की इस पर क्या प्रतिक्रिया है?

RJD ने इसे परिवार का आंतरिक मामला बताया है। पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस विवाद पर कोई बड़ा हस्तक्षेप नहीं किया।