9 villagers died in Bilaspur: बिलासपुर में 9 ग्रामीणों की मौत, कांग्रेस ने न्यायिक जांच और पीड़ितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की

9 villagers died in Bilaspur: 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, 5 गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। उसके बावजूद ग्रामीणों के मौत पर सवाल बना हुआ है। प्रशासन की भूमिका कटघरे में है।

9 villagers died in Bilaspur: बिलासपुर में 9 ग्रामीणों की मौत, कांग्रेस ने न्यायिक जांच और पीड़ितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की

4 दिनों में 9 लोगों की मौत, image source: ibc24

Modified Date: February 9, 2025 / 05:56 pm IST
Published Date: February 9, 2025 5:54 pm IST
HIGHLIGHTS
  • जिला प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल
  • बिलासपुर के लोफन्दी गांव में बीते 4 दिनों में 9 लोगों की मौत
  • कांग्रेस की जांच समिति पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी

बिलासपुर: 9 villagers died in Bilaspur, बिलासपुर के लोफन्दी में हुए 9 ग्रामीणों के मौत का मामला गरमाता जा रहा है। ग्रामीणों के मौत, कारण, जांच व प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला कांग्रेस कमेटी ने आज पीड़ित परिवारों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किया है और सरकार के इशारे पर मामले को दबाने का प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने मामले में न्यायिक जांच और पीड़ितों को दस- दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।

दरअसल, बिलासपुर के लोफन्दी गांव में बीते 4 दिनों में 9 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें देव कुमार पटेल, शत्रुहन देवांगन, कन्हैया पटेल, कोमल लहरे, बलदेव पटेल, कोमल देवांगन ऊर्फ नानू, रामू सुनहले, पवन कश्यप और बुधराम पटेल शामिल हैं। ग्रामीणों के मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है। मौत को लेकर अलग- अलग तरह की चर्चाएं हैं। प्रशासन इसे फूड पॉइजनिंग व अन्य कारणों से जोड़ रहा है, तो वहीं ग्रामीण शराब सेवन से मौत होना बता रहे हैं। इतना ही नहीं जिस तरह एक के बाद एक ग्रामीणों की मौत हुई है, उसके बाद उनका बिना पोस्टमार्टम किए अंतिम संस्कार कर दिया गया, इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

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मौत शराब का सेवन करने से हुई

बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने अब इस पर सवाल उठाया है। पीड़ित परिजनों के साथ प्रेस वार्ता कर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि, पूरे घटनाक्रम में प्रशासन की भूमिका संदेहास्पद है। पहले प्रशासन ने मौत के आंकड़ों को छिपाया, फिर मौत के कारणों को लेकर प्रशासन ने अपनी थ्योरी बनाई। प्रशासन इसे फूड पॉइजनिंग बता रहा है, जबकि ग्रामीण और पीड़ित कह रहे हैं कि, मौत शराब का सेवन करने से हुई है। इतना ही नहीं प्रशासन जांच में भी जान बूझकर हिला- हवाला कर रहा है। बिना पोस्टमार्टम के ग्रामीणों के शव परिजनों को सौंप दिए गए, जिनका अंतिम संस्कार भी हो गया। जिनका पोस्टमार्टम हुआ है, उनका भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

पीड़ित परिवारों को 10 – 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग

9 villagers died in Bilaspur, कांग्रेस ने कहा कि, सरकार के इशारे में प्रशासन घटना पर शुरू से पर्दा डालने में लगा है। कांग्रेस की जांच समिति पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी और प्रशासन को बेनकाब करेगी। कांग्रेस ने मामले में न्यायिक जांच के साथ पीड़ित परिवारों को 10 – 10 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की है।

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इधर, घटना के बाद पीड़ित परिजन भी अब सामने आए हैं। पीड़ित परिजनों का कहना है, गांव में बड़े पैमाने पर लोग शराब का सेवन करते हैं। गांव में अवैध शराब का कारोबार चलता है। जिसपर शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। यही वजह है, बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौत हुई है। मृतकों में अधिकांश शराब का रोजाना सेवन करने वाले हैं। ग्रामीणों व पीड़ित परिजनों ने इसके साथ ही फूड पॉइजनिंग से इनकार किया है।

बहरहाल, 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, 5 गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। उसके बावजूद ग्रामीणों के मौत पर सवाल बना हुआ है। प्रशासन की भूमिका कटघरे में है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com