नई दिल्ली: मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से स्मृति ईरानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके पोर्टफोलियों की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का प्रभार भी मिल गया है। इसके साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित् सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का प्रभार दे दिया गया है। स्मृति ईरानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी से लोकसभा चुनाव हराकर संसद पहुंची थीं। वहीं, सिंधिया मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। आज (6 जुलाई) ही मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्तीफा दिया है। वे अल्पसंख्यक मामलों का विभाग संभाल रहे थे। नकवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद इस्तीफा दिया था। नकवी आज अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में पीएम मोदी ने मंत्री के तौर पर नकवी के योगदान की तारीफ की थी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
Read More: आसमान से बरसी आफतः आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 5 लोगों की मौत, दो की हालत गंभीर
इसके साथ ही इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह की भी आज कैबिनेट की आखिरी बैठक थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों को विदाई देते हुए कहा था कि, दोनों ने मंत्रियों रहते हुए देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दोनों ही मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल सात जुलाई को समाप्त हो रहा है। मुख्तार राज्यसभा के सदस्य थे। उनका कार्यकाल गुरुवार को खत्म होने जा रहा है। ये दोनों नेता फिलहाल 6 जुलाई के बाद किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। हालांकि बिना सांसद रहे भी छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने कैबिनेट में विदाई दे दी ।
Read More: मां काली पोस्टर विवाद: यूपी के बाद अब इस प्रदेश में भी हुआ FIR दर्ज
मोदी मंत्रिमंडल में 8 साल से थे नकवी
नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य रहे. 2016 में वे झारखंड से राज्यसभा भेजे गए। नकवी पहली बार 1998 में लोकसभा का चुनाव जीते और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए थे। उसके बाद 26 मई 2014 में मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। 30 मई 2019 को मोदी कैबिनेट में शामिल हुए और अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय बना रहा।
Read More: पुरुषों को क्यों नहीं खाना चाहिए ज्यादा आचार?, जानिए क्या है वजह
BJP में शामिल हो सकते हैं आरसीपी
आरसीपी सिंह के बीजेपी में आने की चर्चा है. एक दिन पहले ही बीजेपी ने स्पष्ट किया कि आरसीपी अभी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। आरसीपी सिंह अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह शायद जेडीयू को रास नहीं आएगा। हालांकि राज्यसभा में राष्ट्रपति की ओर से मनोनयन की सात सीटें खाली हैं ।
Smriti Irani in Ayodhya : नामांकन दाखिल करने के एक…
10 hours ago