Year ender 2022 : साल 2022 में प्रदेश की जनता को सीएम ने दी ये बड़ी सौगातें, देशभर में हो रही इन योजनाओं की चर्चा
Government Schemes 2022 : साल 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए कई सौगातें दी, इससे लोगों का जीवन आसान हुआ और कई सुविधाएं मिलीं। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल जनवरी में एक बड़ी योजना लॉन्च की।
CG Govt Will Send Money of Godhan Nyay yojana
रायपुर। Government Schemes 2022 : छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से लेकर अब तक प्रदेश की जनता के हित में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। सरकार समय-समय पर नई योजनाओं से हितग्राहियों को लाभ दे रही है। साल 2022 में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए कई सौगातें दी, इससे लोगों का जीवन आसान हुआ और कई सुविधाएं मिलीं। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल जनवरी में एक बड़ी योजना लॉन्च की।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
इस योजना ने स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्यगत दिक्कतों को दूर करने में बड़ी मदद की। इस योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों की मेडिकल जांच, दवाई की उपलब्धता, गंभीर बीमारी का मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस योजना से लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा मिलने की सफलता को देखते हुए 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया तथा 60 और नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई।
तुंहर सरकार, तुंहर द्वार योजना
परिवहन संबंधी सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के मकसद से छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल ‘तुंहर सरकार, तुंहर द्वार योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत परिवहन से संबंधित सेवाओं जैसे नये वाहनों का रजिस्ट्रेशन, DL की डिटेल्स में बदलाव, पुराने वाहनों के RCC में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की सुविधाओं को ऑनलाइन किया गया है।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना
इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की शुरुआत की। इस योजना के जरिए प्रदेश के भूमि हीन कृषि मजदूरों को हर साल 7 हजार रुपये देने का प्रावधान है। राज्य के 10 लाख से ज्यादा भूमिहीन मजदूर इसके तहत पात्र हैं। इस योजना की चर्चा देश में रही है।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण
साल बीतते-बीतते हाईकोर्ट के एक फैसले ने छत्तीसगढ़ में आरक्षण के विषय को चर्चा में ला दिया। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सभी वर्गों को मिलाकर 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दे दिया। जिससे कई विभागों में भर्तियां, प्रतियोगी परीक्षाओं के नतीजे और इंजीनियरिंग-मेडिकल में एडमिशन रुक गए। इसके बाद कानून संसोधन हुए, लेकिन साल बीतने तक मामला राज्यापाल के पास ही अटका है।
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