यहां एक दिन में बनता था आयुष्मान कॉर्ड, फर्जी बीमारी दिखाकर सरकार को चुना लगा रहा था ये हॉस्पिटल, SIT जांच में हुआ बड़ा खुलासा

फर्जी बीमारी दिखाकर सरकार को चुना लगा रहा था ये हॉस्पिटल, Disclosure in SIT investigation of scam in Ayushman scheme

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  • Publish Date - October 21, 2022 / 04:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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जबलपुर में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी को इस घोटाले के अहम सुबूत मिले हैं। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल में एक दिन में ही आयुष्मान कार्ड बनता था। मरीजों को फ्री हैल्थ चैकअप का झांसा देकर अस्पताल में भर्ती करते थे। इसके अलावा दलाल भी आयुष्मान योजना के मरीज लेकर हॉस्पिटल पहुंचते थे। हॉस्पिटल में योजना से 4 हजार मरीजों का इलाज हुआ है।

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एसआईटी को जबलपुर के सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल उससे लगी होटल वेगा की जांच में ऐसे इलैक्ट्रॉनिक सबूत भी मिले हैं। इसमें खुलासा हुआ है कि लोगों के आयुष्मान कार्ड होटल और हॉस्पिटल में ही बना दिए जाते थे। यहां लगे कम्प्यूटर्स की जांच में कई लोगों के आधार कार्ड, समग्र आईडी सहित आयुष्मान योजना से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। कंप्यूटर की जाच में जानकारी ये भी सामने आई कि है कि अस्पताल में इसके लिए एक अलग से कर्मचारी को रखा गया था, जो पहले लोगों के दस्तावेज देखता और फिर उन्हें आयुष्मान योजना के पोर्टल में डालकर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अप्लाई करता था। फिलहाल एसआईटी अस्पताल में 4 हजार आयु्ष्मान मरीजों के रिकॉर्ड की जांच कर रही है जिसके मुताबिक मामले में जल्द ही और भी बड़ा खुलासा हो सकता है।

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बता दें कि जबलपुर पुलिस ने बीते दिनों सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल और उससे लगी होटल वेगा में छापामार कर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था जिसके बाद गिरफ्तार किए गए अस्पताल संचालक डॉक्टर अश्विनी पाठक और उनकी पत्नि डॉक्टर दुहिता पाठक जेल में बंद हैं।