इंदौर । प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बड़ा फैसला देते हुए सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया है। हनी ट्रैप मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने को लेकर अलग अलग पांच जनहित याचिका कोर्ट में दायर की गई थी। इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के साथ ही हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर शनिवार को फैसला देते हुए हाइकोर्ट ने सभी पांच याचिकाओं को निराकृत कर दिया है। वहीं, हनीट्रैप मामले के लिए गठित एसआईटी की जांच से संतुष्ट होकर जांच जारी रखने के लिए निर्देशित किया है।
दरअसल,पिछले दिनों एसआईटी की जांच से असंतुष्ट अलग अलग शिकायत कर्ता ने जनहित याचिका के जरिए कोर्ट से मांग की थी कि एसआईटी की जांच में कई लापरवाही उजागर हुई है। कई साक्ष्य की सही जांच नहीं होने के साथ ही हनी ट्रैप मामले को सीबीआई को सौपा जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार ने बंद लिफाफे ने पूरी जांच रिपोर्ट हाइकोर्ट के सामने पेश की है। इसके अलावा एसआईटी चीफ राजेन्द्र कुमार के रिटायर्ड होने के बाद नए एसआईटी चीफ के तौर पर विपिन महेश्वरी को नियुक्त भी कर दिया है।
मामले की सुनवाई के करते हुए कोर्ट ने कहा है,कि समय समय पर एसआईटी ने जांच रिपोर्ट से कोर्ट से अवगत कराया है। लिहाजा, अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की जरुरत नहीं है।
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