India is exploring the possibility of doing international trade in Indian Rupee
नई दिल्ली। Modi’s master plan on Indian currency: मोदी सरकार की ओर से हाल ही में अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं, वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड का फैसला भी लिया गया है।
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बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है। हालांकि अब मोदी सरकार ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है। इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है। इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है। इसी बीच भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है। इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है।
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‘सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका’ ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है। इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं।
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बता दें कि रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे। इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है.,वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी।