Use of condom: कंडोम से ‘प्यार’ नहीं करते भारतीय! हिंदू सबसे कम करते हैं इस्तेमाल, इस पायदान पर हैं मुस्लिम

NFHS-5 के आंकड़ों के मुताबिक कंडोम के इस्तेमाल में सबसे आगे सिख धर्म को मानने वाले लोग हैं। 21.5% से ज्यादा सिख कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। दूसरे नंबर पर 19.8% के साथ जैन समुदाय है। 10.8% मुसलमान और 9.2% हिंदू कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

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  • Publish Date - October 11, 2022 / 11:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

Free condom and contraceptive pills

Use of condom: नई दिल्ली। जनसंख्या असंतुलन को लेकर देश में एक बार फिर बहस जारी है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान से शुरू हुई बयानबाजी के बाद औवैसी ने भी अपना तर्क रखा। दरअसल, दशहरे के मौके पर भागवत ने कहा था कि जनसंख्या को लेकर एक ऐसी नीति बननी चाहिए, जो सभी पर लागू हो। भागवत के बयान पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों की संख्या कम हो रही है। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों में फर्टिलिटी रेट घट रही है। उन्होंने ये भी दावा किया कि दो बच्चों में अंतराल बनाए रखने के लिए कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मुसलमान ही करते हैं।

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आंकड़ों की बात करें तो भारत में आखिरी बार 2011 में जनगणना हुई थी, उस समय के आंकड़ों के अनुसार देश की आबादी 121 करोड़ से ज्यादा है, इनमें 96.63 करोड़ हिंदू और 17.22 करोड़ मुस्लिम हैं। इस हिसाब से कुल आबादी में 79.8% हिंदू और 14.2% मुस्लिम हैं। 2001 की तुलना में 2011 में मुसलमानों की आबादी करीब 25% तक बढ़ गई थी, जबकि हिंदू 17% से भी कम बढ़े थे।

कंडोल के इस्तेमाल की बात करें तो नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 97% पुरुष और 87% महिलाओं को कंडोम के बारे में पता है, लेकिन भारत जैसे देश में पुरुष कंडोम से ‘नफरत’ ही करते हैं। भारत में सिर्फ 9.5% पुरुष ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। यानी, 10 में से एक पुरुष ही ऐसा है जो सेक्स के समय कंडोम का इस्तेमाल करता है। ये हालत तब है जब 82% पुरुषों और 68% से ज्यादा महिलाओं को पता है कि कंडोम के इस्तेमाल से AIDS से बचा जा सकता है।

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हालांकि, 2015-16 की तुलना में 2019-21 में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ा जरूर है। 2015-16 में 5.6% लोग ही कंडोम का इस्तेमाल करते थे, आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में फैमिली प्लानिंग की सारी जिम्मेदारी महिलाओं पर है। अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने के लिए महिला नसबंदी सबसे प्रचलित मेथड है। सर्वे बताता है कि फैमिली प्लानिंग के तरीकों में महिला नसबंदी की हिस्सेदारी 37.9% है।

NFHS-5 के आंकड़ों के मुताबिक कंडोम के इस्तेमाल में सबसे आगे सिख धर्म को मानने वाले लोग हैं। 21.5% से ज्यादा सिख कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। दूसरे नंबर पर 19.8% के साथ जैन समुदाय है। 10.8% मुसलमान और 9.2% हिंदू कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

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दुनियाभर में 6.4 करोड़ लोग कंडोम का इस्तेमाल

वहीं, दुनियाभर में 25 साल में कंडोम का इस्तेमाल करने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। कंडोम अलायंस की रिपोर्ट बताती है कि 1994 में दुनियाभर में 6.4 करोड़ लोग कंडोम का इस्तेमाल करते थे, जिनकी संख्या 2019 में बढ़कर लगभग 19 करोड़ हो गई। अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने के लिए दुनियाभर की 33% महिलाएं कंडोम और 26% गर्भनिरोधक गोलियों को पसंद करती हैं।

युवा भी करते हैं कंडोम से नफरत

भारत की 27% से ज्यादा आबादी युवा है. इनकी उम्र 15 से 29 साल है। NFHS-5 के सर्वे के दौरान 15 से 19 साल के करीब 70 फीसदी युवाओं ने माना था कि उन्होंने सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था। वहीं, 20 से 24 साल के लगभग 82% युवाओं ने कंडोम के इस्तेमाल की बात नकार दी थी। सिर्फ 5.7% शादीशुदा पुरुषों ने ही इस बात को माना था कि उन्होंने कंडोम का इस्तेमाल किया था, जबकि, लगभग 45% गैर-शादीशुदा पुरुषों ने कंडोम का इस्तेमाल करने की बात मानी थी।